दिल्ली के बजट पर बवाल बढ़ता जा रहा है। आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने केंद्र सरकार पर बजट रोकने का आरोप लगाया है तो अब भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा है कि केजरीवाल सरकार नौटंकी कर रही है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि एलजी वीके सक्सेना ने 17 मार्च को ही कुछ सवाल करते हुए फाइल केजरीवाल सरकार को भेज दी थी, लेकिन वे 20 तारीख की रात तक इसे दबाए बैठे रहे। उन्होंने कहा कि एलजी ने विज्ञापन से बंगले तक कुछ मुद्दों पर टिप्पणी करते हुए जवाब मांगा था। उधर, 'आप' का दावा है कि पहली बार किसी राज्य के बजट को रोक दिया गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है।
दिल्ली का कैपिटल आउटले उठे सवाल
संबित पात्रा ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह नियम है कि दिल्ली सरकार जो भी बजट बनाती है उसे मंजूरी के लिए एलजी को भेजा जाता है। 9 मार्च को दिल्ली सरकार ने एलजी को अप्रूवल के लिए भेजा था। एलजी ने अधिकारों का प्रयोग करते हुए उसमें 3-4 ऑब्जर्वेशन लिखे। उन्होंने कहा कि दिल्ली का कैपिटल आउटले (दिल्ली के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च) महज 20 प्रतिशत रखने पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या इसे बढ़ाया जा सकता है। दूसरा सवाल पूछा कि दिल्ली जल बोर्ड और डीटीसी कॉर्पोरेशन और बोर्ड हैं। ये आमदनी कर सकते हैं और खर्च कर सकते हैं। इन्हें सब्सिडी देना पड़ रहा है।'
विज्ञापन पर इतना खर्च करना ठीक हैं
पात्रा ने आप मंत्रियों पर बजट के आंकड़े लीक करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले साल 270 करोड़ का बजट था विज्ञापन का, जिसे 550 करोड़ कर दिया गया है। जब 270 करोड़ खर्च किए गए थे तो कोर्ट ने सवाल किया था। इसलिए पूछा गया कि क्या विज्ञापन पर इतना खर्च करना ठीक रहेगा। पात्रा के मुताबिक एक सवाल पूछा गया कि विधायकों के लिए नई गाड़ी, बंगला खरीदा जाए, उसके लिए दिल्ली सरकार के पास पैसा है, लेकिन इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए नहीं, इस पर चिंतन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कभी ये ऑटो पर लटकर पहुंचे थे और कहा था कि हम गाड़ी नहीं लेंगे। पात्रा ने कहा कि एलजी ने यह भी पूछा कि आप आयुष्मान भारत योजना के फंड का इस्तेमाल क्यों नहीं करते हैं, जबकि इसमें पूरा पैसा केंद्र सरकार देगी।
पात्रा ने कहा कि फाइल को दिल्ली सरकार को भेजा गया। इसके बाद केजरीवाल सरकार ने राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए गृहमंत्रालय को भेजा। पात्रा ने कहा, 'गृहमंत्रालय ने कहा कि आपने हमें एक चिट्ठी भेजी है जिसमें एलजी के कुछ प्रश्न है, आप इस पर उत्तर दे दीजिए। 17 तारीख को गृहमंत्रालय ने दिल्ली सरकार को भेज दिया। 17 को दिल्ली सरकार कुछ नहीं करती है, केजरीवाल उसे दबाकर बैठ जाते हैं, 18 को दबाकर बैठे रहे, 19 को कुछ नहीं करते हैं। 20 को दिनभर कुछ नहीं करते हैं और रात को साढ़े 9 बजे चिट्ठी भेजते हैं और 10 बजे एलजी ने हस्ताक्षर कर दिए।'
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