आखिर जीतू पटवारी के निलंबन का मुद्दा कहां गया?


भोपाल। मध्यप्रदेश में पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को विधानसभा के बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया था, लेकिन उनका निलंबन वापस नहीं हो पाया है। उन्हें सस्पेंड करने पर कांग्रेस आगबबूला हो गई थी, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से लेकर सभी बड़े नेता जीतू पटवारी के समर्थन में विधानसभा अध्यक्ष और बीजेपी सरकार के खिलाफ फ्रंट फुट पर आ गए थे। जीतू भी जोश में आ गए, लेकिन कांग्रेस नेता उनके लिए जिनती तेजी से गरजे, उस हिसाब से बरसे नहीं और नतीजा सिफर ही रहा। 
तो क्या वास्तव में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जीतू पटवारी के निलंबन को लेकर गंभीर नहीं हैं? या वह खेमेबाजी के शिकार हो रहे हैं? 3 मार्च को जब सदन में पटवारी के निलंबन को लेकर कांग्रेस ने हंगामा किया तो अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही 13 अगस्त सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। होली की छुट्टियों के बाद जब 13 मार्च को विधानसभा फिर शुरू हुई तो ऐसा माना जा रहा था कि कांग्रेस किसानों के मुद्दे पर राजभवन का घेराव कर सरकार को घेरेगी और सदन में विधायक पटवारी के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथ लेगी, लेकिन सदन में पटवारी के मुद्दे पर कांग्रेस की तरफ से कोई पहल नहीं हुई। चार दिन बाद तक कांग्रेस ने इस मुद्दे को नहीं उठाया। इसको लेकर राजनीति गलियारे में चर्चा तेज हो गई कि फ्रंट फुट पर खेलने वाली कांग्रेस बैकफुट पर क्यों आ गई?
सूत्र बताते हैं, एक कारण पटवारी की एक चिट्ठी भी बताई जा रही है। वह चिट्ठी जो उन्होंने अपने आप को प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखी थी। इस पर सवाल उठे थे कि क्या पटवारी अब भी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं? इस पर प्रदेश कांग्रेस की तरफ से कोई अधिकृत बयान नहीं आया था, लेकिन प्रदेश प्रभारी ने जरूर पटवारी का बचाव किया था। सुना है कि बस यही चिट्ठी उनके निलंबन पर भारी पड़ गई। इसे लेकर कमलनाथ के नाराज होने की बात भी कही जा रही है। 
अब पटवारी एक और मामले में उलझते नजर आ रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री  शिवराज की तारीफ की है। बीजेपी ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है, जिसमें पटवारी कह रहे हैं- श्रम से परिणाम का ताल्लुक है, शिवराज जी बहुत मेहनत करते हैं, दिन रात लगे रहते हैं, रोज दो जिलों में जाते हैं। ऐसा बयान देकर क्या कोई संकेत दे रहे हैं? वो संकेत दे रहे हैं या नहीं, लेकिन कहीं न कहीं कांग्रेस के अंदरखाने में जीतू को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं जरूर चल रही हैं। पटवारी आक्रामक स्वभाव के चलते चर्चाओं में रहते हैं, लेकिन अपने ही बयानों के कारण कई बार मुसीबत में फंस जाते हैं। देखना होगा कि विधानसभा से निलंबन का मामला कहां तक जाता है? 

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