सिंधिया की भोपाल यात्रा के साथ शुरू हुई राजनीतिक चर्चाएं..जोरदार स्वागत, बीजेपी एमएलए के निवास पर पहुंचना, फिर कोर कमेटी की बैठक..

भोपाल। क्या केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश में 2023 की तैयारियों के लिए हरी झंडी मिल चुकी है? क्या उन्होंने बीजेपी और संघ में स्वीकार्यता बढ़ाने का सिलसिला तेज कर दिया है ?
ऐसे कई सवाल प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में गूंज रहे हैं। आज सिंधिया जब भोपाल में कोर ग्रुप की बैठक में शामिल होने आए तो वे बीजेपी एमएलए रामेश्वर शर्मा के कार्यालय गए। साथ ही संघ कार्यालय भी पहुंचे।
हालांकि संघ कार्यालय पहले भी जा चुके हैं, लेकिन रामेश्वर के निवास पर जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि उनकी सामान्य चर्चा ही हुई। बताया जा रहा है कि रामेश्वर दिल्ली गए थे, वहां उन्होंने सिंधिया से अपने यहां आने का अनुरोध किया था। यहां सिंधिया के साथ उनके करीबी गोविंद सिंह राजपूत भी थे।इसके बाद वे कांग्रेस एमएलए आलोक चतुर्वेदी पज्जन के यहां भी हुए। आलोक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी के छोटे भाई हैं। सत्यव्रत ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया के करीबी रहे हैं। 
आज के सिंधिया के भोपाल प्रवास के दौरान ही चर्चा शुरू हो गई है कि सिंधिया के करीबी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत तुलसी सिलावट जैसे कट्टर सिंधिया समर्थकों ने लामबंदी शुरू कर दी है और अपने महाराज के लिए पूरी ताकत लगा दी है, यही कारण है कि इन दो मंत्रियों से शिवराज अंदर ही अंदर खासे नाराज़ और असंतुष्ट है आए दिन इन दो मंत्रियों के खिलाफ किसी न किसी प्रकार का प्रोपोगंडा  होता रहता है।
सिंधिया की एंट्री मध्यप्रदेश में हीरो की तरह हो रही है। सबसे पहले मध्यप्रदेश के दो मंत्रियों ने ही बिगुल बजाया। एक कार्यक्रम में एक मंत्री ने सिंधिया को अपना राम बताया तो दूसरे ने साष्टांग प्रणाम किया। सिंधिया भी हीरो बनने से पीछे नहीं रहे ,उन्होंने सड़क पार कर रही एक महिला का हाथ पकड़ा और उसे सड़क पार करवाईं।
एक और जानकारी मिली है कि निगम मंडलों में नियुक्तियां अभी तक इसलिए नहीं हुई क्योंकि सिंधिया के करीबियों को महत्व नहीं दिया जा रहा था, यही वजह है कि निगम मंडलों की नियुक्तियां अधर में लटकी हुई हैं, अब सिंधिया को फ्री हैंड मिल चुका है। 23 मार्च को शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल के 3 साल पूरे हो रहे हैं। वैसे राजनीति में कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है वह यह है कि 2023 की कप्तानी सिंधिया संभालेंगे। शिवराज का क्या होगा ? यह अलग बात है, लेकिन शिवराज का कद भी घटेगा नहीं बल्कि बढ़ेगा ही।

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