12 घंटे में 4 नवजात बच्चों की मौत से हल्ला मच गया है। अचानक एक साथ चार बच्चों की मौत से स्वजनों में गुस्सा व्याप्त है। स्वजनों ने मेडिकल कालेज में इलाज के नाम पर खानापूर्ति की आरोप लगाया गया है। बच्चों की मौत के मामले को छिपाने का प्रयास मेडिकल कालेज प्रबंधन कर रहा है। जानकारी के अनुसार सांस लेने की तकलीफ के चलते इलाज के दौरान बच्चों की मौत हुई है। स्वजनों ने मामले की जांच की मांग की है। डाक्टरों का कहना है कि नवजात बच्चों को निमोनिया की शिकायत होती है और गांव के लोग पहले घरेलू उपचार करते हैं इसके बाद बच्चों को गंभीर हालत मेडिकल कालेज तक लाया जाता है।
मेडिकल कालेज के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. मनीष सिंह का कहना है कि अलग-अलग क्षेत्रों से बीमार बच्चे यहां हर दिन भर्ती हो रहे हैं। जिनकी हालत गंभीर होती है, बीमारी के कारण कई बार मौत भी हो जाती है। ऐसी कोई गंभीर बीमारी है उसके कारण मौत नहीं हुई है। निमोनिया की शिकायत इस समय होती है जिसके कारण मौत भी हो जाती है।
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