बीजेपी ऑफिस में हुई बैठक में मंत्रियों को संगठन की तरफ से यह साफ कहा गया है कि यदि हम सरकार में हैं तो संगठन और कार्यकर्ताओं की वजह से और इसी कारण से आप मंत्री हैं, इसलिए संगठन के कामों को प्राथमिकता दें। पार्टी जो भी कार्यक्रम निर्धारित करे, उन्हें गंभीरता पूर्वक समयबद्ध तरीके से पूरा करें। किसी भी हालत में कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की कोशिश करें। कार्यकर्ताओं को संतुष्ट होना बहुत जरूरी है। जो मंत्री संगठन के कामों में गंभीरता नहीं दिखाएंगे, आगे स्वयं उत्तरदाई होंगे।
मंत्रियों को नसीहत
- हर महीने कोर कमेटी की बैठक के लिए उपलब्ध रहें
- प्रभार के जिलों में एक रात जरूर विश्राम करें
- जिले के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ कभी-कभी भोजन करते रहें
- जिले में प्रवास के दौरान सबसे पहले जिला कार्यालय जाकर जिला पदाधिकारी मंडल अध्यक्षों से चर्चा करें, इसके बाद सरकारी बैठकों में जाएं
- जिले के 2-3 ऐसे कार्यकर्ताओं के मोबाइल नंबर अलर्ट पर रखें, ताकि आपात स्थिति में वे सीधे बात कर सकें
- जिले में होने वाली सरकारी नियुक्तियां जल्द से जल्द पूरी करें
- किसी भी सामाजिक संस्था संगठन के किसी कार्यक्रम में सहमति देने से पहले स्थानीय जिला अध्यक्ष चर्चा जरूर कर लें
- संगठन के कार्यक्रमों को प्राथमिकता से पूरा करें। मंत्रिमंडल विस्तार भी संभव : सूत्रों की मानें तो विधानसभा के बजट सत्र के बाद कैबिनेट में भी फेरबदल किया जा सकता है। कई मंत्रियों के विभाग बदले जाएंगे। मालूम हो कि मंत्रिमंडल में चार पद खाली हैं। इनपर भी नियुक्तियां की जा सकती है। सिंधिया समर्थक मंत्रियों चार मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं।
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