जान लीजिए कौन और कितने में बेच रहा टिकट
मंगलवार दोपहर करीब 1.30 बजे नेट्स पर प्रैक्टिस कर रहे खिलाड़ियों को देखने उनके फैंस होलकर स्टेडियम के बाहर पहुंचे थे। आईडीए बिल्डिंग के पास सतीश मल्होत्रा और उषा राजे होलकर गेट के बाहर फैंस खड़े थे। उषा राजे होलकर गेट के सामने नीली टोपी लगाए एक व्यक्ति कुछ लड़कों से टिकट बेचने के संबंध में बातचीत कर रहा था। पूर्वी गैलरी (लोअर) वाली 315 रुपए की टिकट 500 रुपए में और एक दूसरी टिकट 1 हजार रुपए में बेचने को लेकर मोलभाव चल रहा था।
टिकट बेचने वाला कह रहा था कि कल (बुधवार) तो ये टिकट 3 हजार में बिक जाएगी। आखिर में रीवा से मैच देखने आए लड़के ने 500 रुपए में टिकट ले ली। बातचीत के दौरान टिकट बेचने वाले ने अपना नाम केतन बताया। कहा कि वो मुंबई से आया है। दूसरा टिकट उसने जिमखाना में किसी को बेचने की बात कही।
खुद को कंस्ट्रक्शन कंपनी में ऑडिटर बताया
स्टेडियम के बाहर टिकट बेचने वाले ने बातचीत के दौरान खुद को मुंबई में कंस्ट्रक्शन कंपनी का ऑडिटर बताया। कहा कि ज्यादातर मैच देखने जाता हूं। टाइम नहीं मिल पाता है तो नहीं जा पाता हूं। ये पूछने पर कि क्या मुंबई से सिर्फ मैच देखने ही आए है तो कहा कि मैच देखना, लोगों से मिलना, प्रचार करना, दर्शन करना सब होता है।
राजा बनकर मैच देखने जाएगा
टिकट बेचने वाला लोगों को टीवी पर आने के सपने भी दिखाता रहा। बोला कि ‘टिकट के साथ बजाने वाला सीटी दूंगा, तिरंगा झंडा दूंगा ये सब दूंगा तो आदमी टीवी पर भी आएगा। कैमरे पर भी आएगा। उसको ऐसा नहीं लगेगा कि मेरा पैसा फोकट गया। राजा बनकर जाएगा। 1 हजार वाली टिकट एकदम प्रीमियम है। वहां से मैच बिल्कुल मक्खन की तरह दिखाई देगा।’
चिलचिलाती धूप में एक मां अपने दिव्यांग बेटे के लिए टिकट की गुहार लगाती दिखी…
बच्चे की खातिर टिकट दे दो, हम भुगतान करने को तैयार हैं...
इंदौर विकास प्राधिकरण की बिल्डिंग के पास होलकर स्टेडियम के सतीश मल्होत्रा गेट पर मां चंद्रकांता जारवाल अपने 17 वर्षीय बेटे नीलाक्ष जारवाल को लेकर परेशान दिखीं। उन्होंने बताया कि बेटा डिसेबल है। उसे क्रिकेट का बहुत शौक है। एक घंटे से धूप में टिकट के लिए परेशान हो रहे हैं, लेकिन टिकट नहीं दे रहे। काफी मशक्कत के बाद एक टिकट देने की बात कही है, लेकिन बेटा पूरी तरह से डिसेबल है। अपने आप चल नहीं पाता है। उसके साथ एक अटेंडर भी चाहिए। हम टिकट का भुगतान करने को तैयार हैं। ये लोग हमारी रिक्वेस्ट नहीं मान रहे हैं। हमने कहा है कि बच्चे की खातिर कर दो, इतने लोग देखते हैं। एक बच्चा देख लेगा तो क्या जाएगा।
मुझे टिकट दिला दो
नीलाक्ष ने कहा कि ‘मैच का टिकट लेने आए हैं। मुझे क्रिकेट बहुत पसंद हैं। मैं घर पर क्रिकेट खेलता हूं। मैं चाहता हूं कि पापा-मम्मी के साथ बैठकर कल मैच देखूं। मुझे टिकट दिला दो। इंडिया टीम हमारे देश की शान है। इंडिया मैच जीतेगी।’ मीडिया के सामने अपनी परेशानी बताने की खबर जब अधिकारियों को लगी तो बाद में उन्होंने दो टिकट उपलब्ध करा दिए।
होलकर में इंडिया-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच की टिकट दर
दक्षिण पवेलियन (लोअर) - 1476
दक्षिण पवेलियन (पहली मंजिल) - 1986
दक्षिण पवेलियन (दूसरी मंजिल) - 1722
दक्षिण पवेलियन (तीसरी मंजिल) - 1230
पूर्वी गैलरी (लोअर) - 315
पूर्वी गैलरी (पहली मंजिल, प्रीमियम) - 738
पूर्वी गैलरी (पहली मंजिल, सामान्य) - 677
पूर्वी गैलरी (दूसरी मंजिल) - 525
पश्चिमी गैलरी (लोअर) - 420
पश्चिमी गैलरी (पहली मंजिल, प्रीमियम) - 861
पश्चिमी गैलरी (पहली मंजिल, सामान्य) - 800
पश्चिमी गैलरी (दूसरी मंजिल) - 738
हाउसफुल रहेगा स्टेडियम
होलकर स्टेडियम की क्षमता 27 हजार की है। इंडिया-ऑस्ट्रेलिया के मैच को लेकर क्रिकेट प्रेमी उत्साहित है और इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है। सारे टिकट बिक चुके हैं। क्रिकेट प्रेमी चाहते हैं कि इंडिया इंदौर में मैच जीतकर सीरिज 3-0 से अपने नाम कर ले। सभी की नजर विराट कोहली और आर.अश्विन पर टिकी हुई है।
मैच के लिए बाहर से बुलाई पुलिस फोर्स
मैच को लेकर पुलिस ने भी तयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। डीसीपी यातायात महेशचंद्र जैन का कहना है कि ‘यह आयोजन पांच दिन का है, जिसके चलते एमजी रोड और रेसकोर्स रोड के व्यापारियों का व्यापार प्रभावित न हो, लिहाजा यह तय किया गया है कि स्टेडियम की ओर की एक लेन को बंद किया जाएगा। दूसरी लेन पर यातायात चलता रहेगा। आवश्यकता होने पर कुछ समय के लिए रोड बंद किया जाएगा।
स्थानीय बल के अलावा बाहर से एक हजार का बल मांगा गया था। दोनों टीमों को होटल से रोजाना लाने और वापस लौटने की व्यवस्था के लिए डीएसपी बसंत कौल को प्रभारी बनाया है। पुलिस ने MPCA से भी पत्र लिखकर कुछ जानकारी मांगी थी, जिसमें उन्होंने बताया कि वे 700 के लगभग सिक्योरिटी गार्ड और बाउंसर तैनात करेंगे। इसके अलावा एम्बुलेंस और अस्पताल से संपर्क किया गया है, ताकि किसी विशेष परिस्थिति में कोई परेशानी न हो।’
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