साक्षात्कार- संजय सक्सेना
भोपाल। रीवा जिले का पिछड़ा क्षेत्र कहा जाने वाला मऊ अब विकास की नई ऊंचाइयों को छूने की दहलीज पर खड़ा है। शनिवार चार मार्च का दिन यहां के लोग कभी नहीं भूल सकते, जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा जिले से अलग कर मऊगंज को नया जिला बनाने की घोषणा की। जैसे ही ऐलान हुआ, सभा में मौजूद हजारों-हजार लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लोगों को इसी का इंतजार था। इसी की आस में कोई डेढ़ लाख लोग मऊगंज पहुंचे थे, सरकारी साधनों से नहीं, स्वयं के साधनों से। हजारों लोग तो पैदल चलकर वहां पहुंचे। यह कहना है भारतीय जनता पार्टी के विधायक प्रदीप पटेल का। प्रदीप पटेल मऊगंज से विधायक हैं और मप्र पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य हैं। वे लगातार न केवल अपने क्षेत्र के लिए अपितु पिछड़ा वर्ग के लिए भी पूरी तरह से समर्पित भाव से काम करते हैं। मुलाकात के दौरान विधायक ने कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। प्रस्तुत हैं चर्चा के प्रमुख अंश-
-विधायक के रूप में आप अपनी सबसे बड़ी सफलता किसे मानते हैं?
-उनकी मेहनत तभी सफल हुई, जब मुख्यमंत्री ने कई मुद्दों के साथ मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा की। मऊगंज प्रदेश का 53वां जिला होगा। इसमें चार तहसीलें होंगी। मऊगंज, हनुमना और नईगढ़ी के अलावा नई तहसील देवतालाब भी इसमें शामिल होगी। मऊगंज को जिला बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। 15 अगस्त को मऊगंज में तिरंगा फहराया जाएगा। इसके साथ ही यहां विकास की नई इबारत लिखने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। यह केवल मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि ही नहीं है, मुख्यमंत्री का आशीर्वाद भी है।
-क्या आपके क्षेत्र में आगामी चुनाव में यही सबसे बड़ा मुद्दा रहेगा?
-निश्चित तौर पर हमारी सरकार की यह सबसे बड़ी उपलब्धि है, तो मुद्दा तो रहेगा ही। साथ ही हमने अपने क्षेत्र के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। प्रमुख मुद्दा तो विकास ही रहेगा।
-आप अपनी मुख्य उपलब्धियां क्या मानते हैं?
-बाणसागरमें जल जीवन मिशन के तहत 1896 करोड़ रुपए की स्वीकृति, इससे मऊगंज और हनुमना के 450 से अधिक गांवों में पाइपलाइन से पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। चौरा घाट बन रहा है, इससे इलाहाबाद की दूरी 80 किलोमीटर कम हो जाएगी, जो यहां के लोगों के लिए बड़ी समस्या बना हुआ था। हमें दो सीएम राइज स्कूल मिले हैं। दो औद्योगिक क्षेत्र घुरेहटा और पटेहरा मगरावल मिले हैं, जहां उद्योग लगने से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। हनुमना को डिग्री कालेज की सौगात मिली है, यह अगले सत्र से प्रारंभ हो जाएगा। ये तो ताजा उपलब्धियां हैं, पूर्व की उपलब्धियों की बहुत बड़ी सूची है। लेकिन हमारे कदम थमने वाले नहीं हैं।
-मऊगंज के जिला बनने से क्या परिवर्तन होगा?
-नए जिले में 382 गांव नईगढ़ी तहसील के, 341 गांव मऊगंज के, 343 गांव हनुमना के शामिल होंगे। देवतालाब अलग तहसील बनेगी। इन चार तहसीलों को मिलाकर नया जिला बनेगा। जिला बनेगा तो और भी विकास के कार्य करने होंगे। जिला बनते ही यहां कई काम होंगे। टाउन हॉल, शहर के अंदर टू-लेन सडक़, औद्योगिक क्षेत्र जैसी बातें कही गई हैं।
-आप पिछड़ा वर्ग को लेकर बहुत संवेदनशील और सक्रिय रहते हैं, इसके पीछे क्या कारण है?
-देखिए मैं स्वयं पिछड़े वर्ग से हूं। और बचपन से ही समाज के लिए कुछ करने की ललक रही। कालेज के समय दिल्ली में जंतर मंतर पर धरने में शामिल हुआ था। समाज में जो भी पिछड़े हैं, उन्हें मुख्य धारा में लाने का विचार मन में हमेशा रहता है और मैं इस दिशा में लगातार काम करने की कोशिश में रहता हूं।
-प्रदेश में पिछड़े वर्ग को सत्ताइस प्रतिशत आरक्षण के मामले में क्या स्थिति है?
-सरकार तो पिछड़े वर्ग को सत्ताइस प्रतिशत आरक्षण दे ही रही है। भर्ती से लेकर हर मामले में हम वचनबद्ध हैं।
-पंचायत चुनावों के दौरान पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण का मामला काफी लंबा चला, आपकी क्या भूमिका रही?
-पंचायत चुनाव आरक्षण के साथ हुए, इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री जी को ही जाता है। हम लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में पर्याप्त तथ्य रखे। इसके लिए हमें बहुत तैयारी करनी पड़ी। आंकड़ों और तथ्यों के साथ ही तर्कों के साथ जब सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष गया, तो न्यायालय ने भी हमारी बात मानी और आरक्षण के साथ चुनाव हुए।
-विंध्य क्षेत्र में आगामी चुनाव की क्या तस्वीर उभर रही है?
-देखिए प्रदेश में भाजपा की सरकार है और हमारे मुख्यमंत्री ने विंध्य में केवल मऊगंज को ही नहीं, पूरे अंचल को विकास की धारा से जोड़ा है। कह सकते हैं कि विकास की गंगा बहाई है। और यहां संगठन व सत्ता के बीच बेहतर समन्वय भी है। नेतृत्व पूरी तरह से सजग है। विकास यात्राओं के दौरान हमें जनता का जो प्यार मिला, हम मानते हैं कि हमें पिछली बार से अधिक सीटें मिलेंगी। प्रदेश में भाजपा की सरकार तो बनेगी ही, विंध्य की भागीदारी भी अहम होगी।
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