मनोज सिन्हा ने कहा कि गांधी ने बड़े-बड़े काम किए, सब कुछ जो हासिल किया, सभी के केंद्र में एक ही बात थी, कि वे सत्य से बंधे रेह, सत्य के अधीन रहकर आचरण किया। जितनी चुनौतियां आईं, सत्य कभी नहीं त्यागा। उन्होंने कहा कि एक और चीज मैं आपसे कहना चाहता हूं, कम लोगों को मालूम है कि गांधी जी के पास कोई डिग्री नहीं थी, हालाकि मुझे नहीं लगता किसी के पास ये साहस है, कि कोई ये कहेगा कि गांधी शिक्षित नही थे।उन्होंने कहा कि भ्रांति है कि गांधी जी के पास कानून की डिग्री थी। उनके पास एक भी विश्वविद्यालय की डिग्री नहीं थी? उनकी एकमात्र योग्यता हाई स्कूल डिप्लोमा थी। उन्होंने कानून का अभ्यास करने की योग्यता प्राप्त की। उसके पास कोई डिग्री नहीं थी लेकिन वह कितने शिक्षित थे?
उन्होंने कहा कि शिक्षा का ध्येय क्या होता है ये समझने की आवश्यकता है। अगर इसे समझ लिया तो आपका जीवन धन्य हो जायेगा। बड़ी सरल परिभाषा है। जिसने अपनी अंतर ध्वनि को टटोल लिया वह निश्चित रूप से महान बन जायेगा। हर व्यक्ति के अंदर एक विशेष ध्वनि है। सिर्फ उस अंतर ध्वनि को पहचान कर उस पर चलना होगा, मेहनत करनी होगी। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद केसी त्यागी शामिल हुए। इस मौके पर आईटीएम यूनिवर्सिटी के फाउंडर चांसलर रमाशंकर सिंह , चांसलर रूचि सिंह चौहान, प्राे-चांसलर डा. दौलत सिंह चाैहान, वाइस चांसलर प्रो. एसएस भाकर, प्रो. राजकुुमार जैन सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक और छात्र मौजूद रहे।
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