जब स्वाति के पिता उस अधिकारी से मिले तो वे बहुत खुश हो गए. उनके चेहरे की खुशी देखकर स्वाति ने अपने पिता से यूपीएससी के बारे में पूछा. तब ही उन्होंने फैसला किया, वे भी ऐसी ही अधिकारी बनेंगी, ताकि अपने पिता को हमेशा के लिए ऐसी खुशी का अहसास करा सकें. कड़ी मेहनत के बाद, स्वाति ने 2007 में आयोजित यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक 260 हासिल की. वह उस बैच की सबसे कम उम्र की आईएएस थीं. इसके बाद उन्हें मध्य प्रदेश कैडर मिला।
जब स्वाती ने अधिकारी बनने का फैसला किया तो उनके पिता ने उनके फैसले का समर्थन किया. पिता स्वाति की लगातार मदद करते. तैयारी के इस दौर में स्वाती की मां पेट्रोल पंप चलाती थीं. मां के बिजी शेड्यूल के चलते पिता ने उनकी बेहतर तैयारी कराने के लिए कई डेमो इंटरव्यू लिए. आईएएस स्वाति मीणा एक निडर और दबंग अधिकारी के रूप में जानी जाती हैं।
स्वाति जब मध्य प्रदेश के मंडला में तैनात थीं, तब वहां खनन माफियाओं का बोलबाला था. जब वे कलेक्टर बनकर वहां पहुंचीं तो उन्हें खनन माफिया के खिलाफ अलग-अलग विभागों से इतनी शिकायतें मिलीं. इन्हीं सब शिकायतों के आधार पर उन्होंने कार्रवाई की. मीना ने वहां आते ही इन खनन माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ दिया।
मध्य प्रदेश के खंडवा में स्वाति का कार्यकाल भी काफी चुनौतीपूर्ण रहा. सिमी के मारे गए आतंकियों के शव उसके इलाके में पहुंचने पर बदमाशों ने हंगामा करने की कोशिश की. लेकिन स्वाति मीणा ने प्रशासन के साथ मिलकर इस चुनौतीपूर्ण कार्य को आसानी से पार कर लिया।
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