जूनियर इंस्पेक्टर की थी शिकायत
बीएस टोंगर को एक मामले में 4 वर्ष की सजा हुई है। इसके साथ अन्य मामलों में उन्हें तीन-तीन वर्ष की सजा सुनाई गई है। टोंगर के जूनियर इंस्पेक्टर राम सिंह निगवाल ने ही इस मामले में शिकायत की थी। उनकी शिकायत के बाद में ईओडब्ल्यू ने साल 2003 में इस मामले में प्रकरण दर्ज किया था। शिकायत की जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने टोंगर के विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 471, 201 के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 - 1डी और 13- 2 के तहत प्रकरण दर्ज किया था।
इंजीनियरिंग की फर्जी डिग्री लगाई
टोंगर के खिलाफ निगवाल ने शिकायत में बताया था कि टोंगर ने नागपुर के कॉलेज की फायर इंजीनियरिंग की फर्जी डिग्री लगाई। इसके बाद उन्हें फायर ब्रिगेड में एसपी का पद मिला। निगवाल ने शिकायत में कहा कि जांच होना चाहिए कि उनकी योग्यता फायर ब्रिगेड के एसपी बनने जितनी नहीं है।
एसपी के रिटायर होने के बाद पेश हुआ चालान
शिकायत 2003 में हुई थी और इसके 10 साल के बाद चालान पेश हुआ। प्रकरण के सबूत जुटाने के बाद ईओडब्ल्यू ने 2013 में टोंगर का चालान पेश किया। चालान पेश होने के कुछ ही दिनों में टोंगर रिटायर हो गए थे, लेकिन मामला कोर्ट में चलता रहा।
धारा 467 में 4 साल, जबकि अन्य धाराओं में 3-3 साल की सजा
गुरुवार को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश संजय कुमार गुप्ता की कोर्ट नंबर 2 से टोंगर को धारा 467 में 4 साल, जबकि अन्य धाराओं में 3-3 साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही टोंगर पर प्रति धारा 2000 रुपए के अनुसार कुल 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। टोंगर के मामले की जांच डीएसपी राकेश बघेल ने की थी, जबकि मामले का कोर्ट में ट्रायल एसपी धनंजय शाह के निर्देश पर ईओडब्ल्यू के मुंशी प्रदीप मिश्रा ने चलवाया था।
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