मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा का हुआ किसानों से वाद विवाद, बोले हम कुछ लोगो के तलवे चाट रहे हो

Minister Omprakash Saklecha had an argument with the farmers, to whom did he say that we are licking the feet of some people

नीमच जिले के जावद में प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा की किसानों से बहस का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें मंत्री किसानों से कहते सुने जा रहे हैं कि तुम कुछ लोगों के तलवे चाट रहे हो, जो बदले में सौदा करते हैं। तुम किसके कहने पर आए हो, यह भी मैं जानता हूं। मंत्री ने ये बात ग्रामीणों से लीज पर जमीन देने का विरोध करने पर कही।
रविवार शाम को जावद क्षेत्र के गांव खेड़ा राठौड़ और सुवाखेड़ा के किसान डाक बंगले पर मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा से मिलने पहुंचे, जहां उन्होंने खनन के लिए अपनी जमीन लीज पर देने का विरोध किया। उन्होंने मंत्री को अपनी समस्या बताते हुए कहा कि करीब 1100 बीघा निजी जमीन खनन के लिए वीर दुर्गादास मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड को लीज पर दी गई है और हम ये नहीं चाहते। ग्रामीणों के विरोध को देख मंत्री सखलेचा नाराज हो गए और नाराजगी जताते हुए तलवे चाटने वाली बात कही।
ग्रामीण बोले- हमारी जमीन दे दी, हमें पता ही नहीं चला
मंत्री की बात सुनकर ग्रामीण भड़क गए। उन्होंने कहा कि हमारी जमीन लीज पर दे दी गई और हमें पता ही नहीं चला। ग्रामीणों के मुताबिक पहले भी हमारी जमीनें विक्रम सीमेंट में चली गईं। सुवाखेड़ा की आसपास की जमीनों पर ब्लास्टिंग करके खोदा जा रहा है।
लोगों का कहना है कि क्षेत्र की शासकीय चारागाह की 26.362 हेक्टेयर जमीन और 194.681 हेक्टेयर निजी जगह है। इसका कुल क्षेत्रफल 221.043 हेक्टेयर है, यह जमीन वीर दुर्गादास मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड को लीज पर दे दी गई है। ग्रामीणों ने मंत्री और कलेक्टर मयंक अग्रवाल के सामने गुहार लगाई कि हमारी जमीन जो लीज पर दे दी गई है, उसे मुक्त की जाए।
आंदोलन की चेतावनी दी, कहा- लीज निरस्त करो
ग्रामीण देवेंद्र पाटीदार ने बताया कि कंपनी को क्षेत्र की दी गई जमीन में 1100 बीघा निजी जमीन है। 130 बीघा शासकीय जमीन है। कंपनी ने शासकीय जमीन के रास्ते, चारागाह, श्मशान की जमीन के साथ निजी जमीन व पहाड़ी वाली जमीन की भी लीज करवाई है। हम मंत्री जी और उनके कुछ लोगों से मिले हैं। प्रशासन भी दबाव में है। पूर्व में विक्रम सीमेंट ने भी लीज पर जमीन ले ली, और जो वादे किए थे वे पूरे नहीं किए गए। एक बार फिर ग्रामीणों की जमीनें लीज पर दे दी गई। अगर लीज निरस्त नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे। हम चक्काजाम करेंगे।
जमीन ले लेंगे तो हम तो रोड पर आ जाएंगे: किसान
किसान महेंद्र यादव व ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि मंत्री व उनके अन्य लोग मिले हुए हैं। हम ग्रामीणों की जमीनें ले रहे हैं। हमारी आजीविका का कोई स्त्रोत नहीं है। हम मंत्री सखलेचा और प्रशासन से निवेदन करने आए थे कि हमारी जमीन मुक्त करे, लेकिन यहां अलग ही बात कही गई कि हम किसी के कहने पर आए हैं। मेरी जमीन गई हैं, मैं ही आऊंगा या कोई और आएगा। एक तरफ सरकार कहती है कि आत्मनिर्भर बनो, जब हमारी जमीनें ही हमसे छीन ली जाए, तो कैसे आत्मनिर्भर बनेंगे? हमारी जमीन उद्योगपति ले लेंगे तो हम तो रोड पर आ जाएंगे।

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