सीएम शिवराज की नई आबकारी नीति को लेकर कमलनाथ ने साधा निशाना कहा शिवराज सरकार में एमपी का अर्थ मदिरा प्रदेश हो गया

Regarding the new excise policy of CM Shivraj, Kamal Nath said that in the Shivraj government, the meaning of MP has become liquor state.

पूर्व मुख्यमंत्री और कंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान की हाल ही में जारी की गई आबकारी नीति पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि एक समय में जब हमसे पूछा जाता था कि आप कहां से हैं, हम कहते थे हम एमपी से हैं। लोग समझ जाते थे कि एमपी मतलब मध्य प्रदेश परंतु आज शिवराज सरकार में एमपी का अर्थ मदिरा प्रदेश हो गया है। 
शिकारपुर में कांग्रेस सांसद नकुल नाथ के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि मोदी जी ने कहा था अच्छे दिन आएंगे तो शिवराज सिंह जी ने सोचा कि अच्छे दिन में लेकर आता हूं शराब सस्ती करके। सस्ती– शराब।। घर घर में शराब। महंगा राशन और सस्ती शराब, यह उनका मूल मंत्र है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अब मदिरा प्रदेश बन गया है और यह ही मोदी सरकार के अच्छे दिन है। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया जा रहा है। शासकीय राशि से विकास यात्रा निकाली जा रही है जिसमें पार्टी का प्रचार हो रहा है। कमलनाथ चार दिन के प्रवास पर छिंदवाड़ा आए हैं। 
इवेंट मैनेजमेंट के लिए 500 करोड़ रोज कर्ज ले रही है सरकार 
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोजाना 500 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर सरकार की छवि चमकाने में लगे हैं। सरकार को चाहिए कि कर्ज लेकर वह जो पैसा इवेंट मैनेजमेंट में खर्च कर रही है, उसका सदुपयोग करें और संविदाकर्मियों को नियमित कर दें। पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है ऐसे में पुलिस और प्रशासन का दुरुपयोग किया जा रहा है शिवराज सिंह को लगता है कि वे ऐसे में चुनाव जीत जाएंगे यह उनकी गलती है। 
160 जगह हो चुका है विकास यात्रा का विरोध
कमलनाथ ने दावा किया कि मध्यप्रदेश सरकार जो विकास यात्रा निकाल रही है, उसका अब तक 160 जगह विरोध हो चुका है। इसके वीडियो भी सामने आए हैं। किसान सरकार की नीतियों से परेशान है। टमाटर के भाव नहीं मिलने से किसान टमाटर फेंक रहे हैं। एक करोड़ से ज्यादा युवा बेरोजगार है। शिवराज सिंह चौहान झूठ बोलने की मशीन बन गए हैं। 
मुझसे हिसाब मांगने वाले 18 साल का हिसाब दें
कमलनाथ ने कहा कि जो मुझसे मेरी 15 महीने की सरकार का हिसाब किताब मांगा जा रहा है। उन्हें शर्म आनी चाहिए। मैंने कर्जमाफी की, इसका जवाब जनता देगी। मुझे इसका जवाब देने की जरूरत नहीं है। पहले वह अपने 18 साल का हिसाब दें, उसके बाद विकास यात्रा निकाले। यह विकास यात्रा नहीं बल्कि निकास यात्रा है। इन्हें तो हिसाब यात्रा भी निकालनी चाहिए। 

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