लोकायुक्त में फिर केस... इसलिए चर्चा में थेटे
रिटायर्ड IAS रमेश थेटे और उनकी पत्नी मंदा थेटे के खिलाफ जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने हाल ही में FIR दर्ज की है। थेटे सन् 2001-02 में जबलपुर में नगर निगम आयुक्त और संचालक रोजगार एवं प्रशिक्षण के पद पर पदस्थ थे। आरोप है कि इस अवधि के दौरान IAS थेटे और उनकी पत्नी ने जबलपुर के कई बैंकों से लगभग 68 लाख रुपए का लोन लिया था। लोन को उन्होंने 2012-13 की अल्प अवधि में समय पर ही वापस भी कर दिया। बहुत ही कम समय में इतनी बड़ी रकम को बैंक से लेकर उसे वापस करने पर जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने 2012-13 में इस पूरे मामले की जांच शुरू की थी। 10 साल जांच चली। इसके बाद लोकायुक्त ने धारा 13(1) बी, 13(2) पीसी एक्ट 1988 (संशोधित 2018) तथा 120बी IPC के तहत केस दर्ज किया।
थेटे कहते हैं : लोकायुक्त द्वारा मेरे जबलपुर के शासकीय निवास पर मारे गए छापे में मात्र 50 रुपए का नोट मिला। जिसे जब्त करने में उनको शर्म आई, इसके बावजूद 41 लाख रुपए अनुपातहीन संपत्ति और बैंक लोन के 8 प्रकरणों में बिना अभियोजन स्वीकृति के न्यायालय में चालान पेश किए गए। इन सारे केस में मुझे न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया तो अपैक्स बैंक का कर्ज मय ब्याज के चुकाने के बावजूद मेरी पत्नी पर केस ठोंक दिया और मुझे सह आरोपी बनाकर मुझे पदोन्नति न मिले, ये सुनिश्चित किया गया।
अब फिल्म बना रहे हैं, खुद की कंपनी भी बनाई
रिटायरमेंट के बाद थेटे ने अपनी फिल्म कंपनी बनाई, जिसे उन्होंने नाम दिया 'रमेश थेटे फिल्म्स'। जिसके बैनर तले वे अपने प्रोडक्शन-डायरेक्शन में एक मूवी बना रहे हैं, जो अंतिम दौर में है। यह फिल्म है 'द बैटल ऑफ भीमा कोरेगांव'। इस फिल्म में कास्ट भी अच्छी चुनी गई है। एक्टर अर्जुन रामपाल लीड रोल में है। वहीं, सनी लियोनी समेत कई एक्टर-एक्ट्रेस भी फिल्म है। फिल्म के बारे में थेटे कहते हैं कि अप्रैल के बाद रिलीज करने का प्लान है। फिल्म लगभग बन चुकी है। इसमें कोरेगांव की लड़ाई के दौरान हुई घटनाओं को दर्शाया गया है।
Post a Comment