दो को पकड़कर पुलिस को सौंपा
भावसार ने बताया कि आरोपियों ने उनसे कहा- आय से अधिक संपत्ति के मामले में आपकी गिरफ्तारी हो सकती है। उसी मामले में चर्चा करने आए हैं, कुछ ले-देकर मामला निपटा लो। प्रबंधक भावसार ने उनसे कहा कि उस मामले में जांच हो चुकी है। उसके दस्तावेज मैं बता सकता हूं। यह सुनकर आरोपी इधर-उधर की बातें करने लगे। उनकी बातों से भावसार को उनपर शक हुआ। जैसे ही वहां मैनेजर के कुछ दोस्त आए और उनसे पूछताछ शुरू की तो वे फर्जी अधिकारी भागने लगे। तब उनमें से 2 लोगों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। मैनेजर ने बताया कि एक व्यक्ति मौके से भाग गया है।

आरोपियों के पास थी पिस्टल
आरोपी अपने साथ पिस्टल भी लेकर आए थे। ये लोग कार (एमपी 09 सीएम 0029) से आए थे, जिस पर हाईकोर्ट लिखा हुआ था। जिन 2 लोगों को देहात थाने में सौंपा गया, उनमें से एक ने अपना नाम रामेश्वर प्रसाद मालवीय तो दूसरे ने निकेत शर्मा बताया है। इन दोनों ने पुलिस को बताया है कि वे डीएसपी योगेश खुरचानिया के साथ गंजबासौदा एक मामले की तामील लेकर आए थे। पुलिस ने उनकी बात के आधार पर जांच की तो लोकायुक्त कार्यालय से जुड़े हुए नहीं थे। पुलिस ने रामेश्वर मालवील और निकेत शर्मा के खिलाफ 419, 384, 467 के तहत मामला दर्ज किया है।
मैनेजर पर दो महीने पहले दर्ज हुआ था गबन का मामला
जानकारी अनुसार हरिओम भावसार पर दो महीने पहले बैंक में राशि के गबन के आरोप लगे थे, जिसमें लगभग 26 लाख रुपए का हेरफेर भावसार ने अपने खाते में किया था। इसके बाद हरिओम भावसार ने सभी दस्तावेज पेश कर दिए और राशि भी लौटा दी थी। वहीं, इस मामले की जानकारी मिलते ही ठगों ने भी उन्हें अपना शिकार बनाने की कोशिश की, लेकिन प्रबंधक की सूझबूझ से पकड़े गए।
सरकारी कर्मचारी है एक आरोपी
एएसपी समीर यादव ने बताया कि दोनों ठग भोपाल के रहने वाले हैं। एक आरोपित रामेश्वर मालवीय उद्यानिकी विभाग में कर्मचारी है। निकेत शर्मा उसी कार का मालिक है, जिससे वह गंजबासौदा आए थे। इन्होंने मैनेजर से पैसों की मांग की थी। इनके पास फर्जी दस्तावेज पाए गए हैं। आरोपियों ने लोकायुक्त डीएसपी योगेश खुरचानिया के नाम का उपयोग किया है। हालांकि, इनमें तीसरा ठग अभी फरार है। उसकी तलाश की जा रही है, फिर उसकी पहचान हो सकेगी। वहीं, इनसे आगे की पूछताछ कर और जानकारी ली जा रही है।
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