एमपी : एनवीडीए के हाल बेहाल..अधीक्षण यंत्री को सदस्य सचिव का प्रभार, आरक्षित वर्ग के अफसर उपेक्षित..
भोपाल। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण यानि एनवीडीए में इन दिनों तकनीकी अधिकारियों का अकाल पड़ा हुआ है। एक तरफ सरकार नर्मदा घाटी में विकास कार्यों से लेकर तमाम परियोजनाओं के लिए करोड़ों का बजट दे रही है, दूसरी ओर वरिष्ठ पदों पर या तो सेवानिवृत्त अधिकारी पदस्थ हैं, या दो से तीन पद ऊपर प्रभार दिए जा रहे हैं। यहां एक भी मुख्य या प्रमुख अभियंता नहीं है।
जानकारी के अनुसार एनवीडीए में प्रमुख अभियंता के समकक्ष सदस्य इंजीनियर का पद रहता है। यहां प्रमुख अभियंता तो छोड़ो मुख्य अभियंता भी मौजूद नहीं हैं। दो पद नीचे के अधीक्षण यंत्री पीके शर्मा को प्रभार दिया गया, वो भी सेवानिवृत्त हो गए। हालांकि इनसे वरिष्ठ अधीक्षण यंत्री भी प्राधिकरण में मौजूद हैं, लेकिन उन्हें प्रभार नहीं दिया गया। सूत्र कहते हैं कि वरिष्ठ अधीक्षण यंत्री आरक्षित वर्ग के हैं, इसलिए उन्हें महत्वपूर्ण पद का प्रभार नहीं दिया जा रहा है। अधीक्षण यंत्री के पद भी यहां संविदा पर भरे जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार मुख्य अभियंता सिवनी, मुख्य अभियंता नर्मदापुरम, मुख्य अभियंता इंदौर, मुख्य अभियंता बजट, मुख्य अभियंता बोधी, मुख्य अभियंता राजघाट के सभी महत्वपूर्ण पद रिक्त पड़े हुए हैं। सदस्य अभियंता का पद एक साल से खाली पड़ा हुआ है। मुख्य अभियंता के पदों के लिए अधीक्षण यंत्री भी कम पड़ रहे हैं। कुछ जगह कार्यपालन यंत्रियों को मुख्य अभियंता के पदों का प्रभार दिया गया है। यहां आरक्षित वर्ग के जो कार्यपालन यंत्री पदस्थ हैं, उन्हें मुख्य अभियंता तो छोड़ो, अधीक्षण यंत्री का प्रभार तक नहीं दिया जा रहा। यहां जल संसाधन विभाग से अधिकारियों को भेजा जाता है, लेकिन वर्तमान में जल संसाधन विभाग में ही अधिकारियों का टोटा है। वहां भी प्रमुख अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता तक के पदों पर अधिकारी प्रभार पर बैठाए गए हैं।
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