हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का अदानी ग्रुप के मेगा प्रोजेक्ट्स पर असर होगा...?

कुछ दिन पहले जब अमेरिका की हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदानी समूह के ख़िलाफ़ अपनी एक रिपोर्ट में "लेखांकन धोखाधड़ी, स्टॉक में हेरफेर, और मनी लॉन्ड्रिंग" जैसे इल्ज़ाम लगाए तब इसकी कंपनियों के स्टॉक की कीमतें तेज़ी से गिरने लगीं और जानकारों ने कई तरह के सवाल उठाने शुरू कर दिए।

इसमें एक महत्वपूर्ण सवाल था कि क्या अब इन आरोपों से समूह को अपने अधूरे और नए मेगा प्रोजेक्ट्स के लिए धन जुटा पाना आसान होगा?अदानी समूह की छाप भारत में हर जगह है, चाहे इसके कई प्रकार के उत्पाद हों या बंदरगाह या एयरपोर्ट में निवेश हो।

संकट से पहले अदानी ग्रुप ख़ुद को 260 अरब डॉलर का समूह बताता था. लेकिन इसकी जिन मौजूदा योजनाओं पर काम चल रहा है या इसकी आने वाली योजनाओं पर अगर अमल हुआ तो विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ ही सालों में समूह का आकार दोगुना हो सकता है।

सिंगापुर में भारतीय मूल के स्टॉक मार्केट और करेंसी बाज़ार के विशेषज्ञ वैष्णव वशिष्ठ कहते हैं कि संकट के बादल केवल अदानी समूह पर ही नहीं छाये हुए हैं बल्कि मोदी सरकार की कई बड़ी योजनाएं भी ख़तरे में हैं।वो कहते हैं, "सही या ग़लत इस पर मैं नहीं जाऊंगा लेकिन मौजूदा सरकार ने अपनी कई महत्वाकांक्षी योजनाएं अदानी जैसे समूह के हवाले कर दी हैं, चाहे वो इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हों या आत्मनिर्भर भारत के प्रोजेक्ट्स हों या फिर कृषि का क्षेत्र हो."

मुंबई में वरिष्ठ पत्रकार आरएन भास्कर ने गौतम अदानी की बायोग्राफ़ी लिखी है जो हाल ही में प्रकाशित हुई है.वो कुछ दिन पहले तक भारत के सबसे धनी उद्योगपति रहे अदानी को 2007 से तब से जानते हैं जब उनकी गिनती बड़े उद्योगपतियों में नहीं होती थी.वो कहते हैं कि अदानी समूह को न तो पूंजी की कमी होगी और न ही क़र्ज़ों की।

अदानी के मौजूदा प्रोजेक्ट्स

इससे पहले कि इस पर गहरी नज़र डालें पहले अदानी के आने वाले कुछ अहम प्रोजेक्ट्स और कारोबार पर एक नज़र डालते हैंः-

धारावी पुनर्विकास परियोजनाः अडानी समूह ने पिछले साल नवंबर में 20,000 करोड़ रुपये की धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए कामयाब बोली लगाई थी.

उन्हें 6.5 लाख झुग्गीवासियों का पुनर्वास करके इसे सात साल में पूरा करना है. यह परियोजना अडानी समूह को मुंबई के बीचोंबीच में लाखों वर्ग फुट आवासीय और वाणिज्यिक जगह बेचकर मोटा पैसा कमाने में मदद करेगी.

ग्रीन एनर्जीः पिछले साल सितंबर में, गौतम अडानी ने अगले दशक में 100 अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की, जिसमें से उन्होंने 70 प्रतिशत ग्रीन एनर्जी पर खर्च करने का वादा किया.

हरित ऊर्जा में समूह का आक्रामक रुख़ पेट्रोलियम ईंधन पर देश की निर्भरता में भारी कटौती करने की भारत सरकार की महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप है.

अदानी डिफ़ेंस एंड एयरोस्पेसः अदानी की रक्षा का सामान बनाने वाली कंपनी, 'अदानी डिफ़ेंस एंड एयरोस्पेस' ने ड्रोन सहित अपने रक्षा उत्पादों का थोड़ा निर्यात भी शुरू कर दिया है.

इसने ड्रोन बनाने के लिए कुछ इसराइली कंपनियों के साथ समझौता किया है.

समूह अपनी वेबसाइट में कहता है, "हम रक्षा और एयरोस्पेस में एक वैश्विक प्लेयर बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं, भारत को विश्व स्तरीय और हाई-टेक रक्षा निर्माण के लिए एक गंतव्य के रूप में बदलने में मदद कर रहे हैं जो कि आत्मनिर्भर पहल से जुड़ा हुआ है." आरएन भास्कर ने अपनी किताब में लिखा है कि भारत ने 2016-20 के बीच सैन्य आयात पर 332 अरब डॉलर खर्च किए.

स्पष्ट रूप से भारत को अपने रक्षा आयात को कम करने की ज़रूरत है. इसलिए इसमें निजी क्षेत्र को शामिल करना एक समझदारी का काम होगा।

विमान सेवाएं और एमआरओ: भारत की पैसेंजर और कार्गो एयरलाइन्स के पास 700 से अधिक विमान हैं.

इसके अलावा भारतीय वायु सेना के विमान हैं जिनको समय समय पर मेंटेनेंस और सर्विस कराने की ज़रूरत होती है.

ये काम अदानी की कंपनी करती है. ये सुविधा पड़ोसी देशों की कुछ एयरलाइन्स भी लेती हैं.

अदानी कनेक्स डाटा सेंटर: अगले दशक में 1 GW डाटा सेंटर क्षमता के साथ डिजिटल इंडिया को सशक्त बनाने के लिए अदानी ग्रुप और एजकनेक्स (दुनिया का सबसे बड़ा निजी डाटा सेंटर ऑपरेटर) का एक ज्वाइंट वेंचर है.अदानी ग्रुप की वेबसाइट में इस ज्वाइंट वेंचर के हवाले से लिखा है, "हमारा मिशन हर संगठन के डाटा और उनके डिज़िटल ट्रांसफॉर्मेशन को तेज़ करना है और उन्हें आवश्यक पारदर्शिता, मानक, सुरक्षा और लचीलापन का स्तर प्रदान करना है."

गोड्डा थर्मल पावर स्टेशनः 1,600 मेगावाट वाला गोड्डा थर्मल पावर स्टेशन, जो बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति करने के लिए बनाया जा रहा है, लगभग छह महीने की और देरी का सामना कर रहा है, लेकिन यह लगभग तैयार है.विशेषज्ञों की राय इस बात पर निवेशक निवेश करेंगे या नहीं और कर्ज़ देने वाले बैंक इसे कर्ज़ देंगे या नहीं.

अदानी घायल हैं, ख़त्म नहीं हुए हैं'

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में एप्लाइड इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर हैं स्टीव एच. हैं. वो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रीगन की आर्थिक सलाहकार परिषद में रह चुके हैं.

वो कहते हैं, "अदानी भले ही ख़त्म न हुए हों लेकिन वह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. किसी की प्रतिष्ठा को बर्बाद करने के लिए कपटपूर्ण व्यापारिक लेन-देन से बुरा कुछ नहीं है और किसी की प्रतिष्ठा से अधिक महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है."

अदानी को सपोर्ट कहां से मिल रहा है?

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद से संकटग्रस्त अदानी समूह को कुछ झटके भी लगे हैं और कुछ सपोर्ट भी मिला हैः-

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को अदानी इलेक्ट्रिसिटी और अदानी पोर्ट्स पर अपने रेटिंग आउटलुक को स्थिर से घटाकर नकारात्मक कर दिया.

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने आगाह किया कि "प्रतिकूल विकास" अगले एक से दो वर्षों में अदानी समूह की धन जुटाने की क्षमता को कम कर सकता है, लेकिन इसने ये भी कहा कि यह समूह की कंपनियों पर अपनी रेटिंग नहीं बदलेगा.

फिच ने कहा कि उसकी अदानी रेटिंग पर कोई "तत्काल प्रभाव" नहीं पड़ा है.

एसएंडपी डॉउ जोन्स इंडेक्स ने कहा कि वह अगले मंगलवार से अडानी एंटरप्राइजेज को अपने सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स से हटा देगा.ये एक ऐसा क़दम है जो ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में अरबों डॉलर पंप करने की समूह की प्रतिबद्धता के बावजूद सस्टेनेबिलिटी फ़ंड को निवेश करने से रोक सकता है.भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट्स के शेयरों को "अतिरिक्त निगरानी" के तहत रख दिया है।

साभार बीबीसी

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