मध्य प्रदेश में शराब अहाते बंद होंगे, पीकर गाड़ी चलाने पर जुर्माना बढ़ेगा... कैबिनेट में नई शराब नीति मंजूर

भोपाल। मध्‍य प्रदेश सरकार ने रविवार को प्रदेश में अहाते बंद करने का बड़ा निर्णय लिया है। दुकानों में बैठाकर शराब पिलाने की व्यवस्था भी नहीं होगी। धार्मिक स्थल, शैक्षणिक संस्थान, बालिका छात्रावास से सौ मीटर के दायरे में कोई भी शराब दुकान नहीं होगी। शराब पीकर वाहन चलाने डायविंग लायसेंस निलंबित करने के प्रविधान और कड़े होंगे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वर्ष 2010 से कोई भी नई शराब दुकान नहीं खोली गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में वर्ष 2023 के लिए आबकारी नीति के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसमें शराब को हतोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। शराब दुकानों में शराब पिलाने और अहातों से कानून व्यवस्था को लेकर उठाने वाले सवालों को देखत हुए सरकार ने तय किया है कि इन्हें बंद किया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी यही मांग कर रही थीं कि अहातों को बंद किया जाए। साथ ही धार्मिक स्थलों के आसपास शराब की दुकानें न हों।

घर से जल निकासी या शौच गृह की व्यवस्था न होने पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड
घर से जल निकासी या शौच गृह की व्यवस्था न बनाने पर अब पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगेगा। सरकार विधानसभा के बजट सत्र में नगर पालिक विधि अधिनियम में संशोधन करेगी। वर्तमान अधिनियम में तीन माह के कारावास और एक हजार रुपये अर्थदंड का प्रविधान है। इसे कारावास के प्रविधान का अव्यावहारिक मानते हुए समाप्त करने का निर्णय लिया है। अर्थदंड एक हजार रुपये के स्थान पर पांच हजार रुपये होगा और प्रतिदिन दो के हिसाब से दो सौ रुपये प्रतिदिन अतिरिक्त तौर पर अर्थदंड लगाया जा सकता है। इसी तरह शव को श्मशान या कब्रिस्तान ले लाने के लिए मार्ग निर्धारित करने का प्रविधान भी अब नहीं रहेगा।

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