सरकारी मेहरबानी जारी...अदानी का पोर्ट बना एलपीजी के आयात का केंद्र, इंडियन ऑयल पर आरोप, देनी पड़ी सफाई...


नई दिल्ली।अदानी पर मोदी सरकार की मेहरबानी जारी है। अब अदानी के गंगावरम पोर्ट को एलपीजी ने अपना आयात केंद्र बना लिया है। सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने आंध्र प्रदेश के गंगावरम स्थित अडानी समूह के बंदरगाह को LPG के आयात के लिए साथ जोड़ने से संबंधित डील पर सफाई दी है। इंडियन ऑयल ने कहा कि समूह के साथ उसका 'टेक ऑर पे' समझौता नहीं हुआ है।
तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा ने अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड के तहत संचालित गंगावरम बंदरगाह को किसी टेंडर के बगैर ही इंडियन ऑयल का LPG आयात केंद्र बनाए जाने पर सवाल उठाए थे। इसी पर IOC ने सफाई दी है। दरअसल, अडानी पोर्ट्स ने अपने तिमाही नतीजों की घोषणा के बाद जारी एक बयान में कहा था कि गंगावरम बंदरगाह पर एलपीजी भंडारण के लिए इंडियन ऑयल के साथ 'टेक ऑर पे' समझौते को लेकर एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
लोकसभा सांसद मोइत्रा ने अडानी समूह की कंपनी के इस बयान को 'खुलेआम चोरी' बताते हुए बुधवार को ट्विटर पर आरोप लगाया था कि इसके लिए न तो कोई टेंडर जारी की गई और न ही किसी मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) मानक का पालन किया गया। उन्होंने अपने ट्वीट में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सीवीसी को टैग कर हुए कहा था- कारोबार को विजाग बंदरगाह से गंगावरम ले जाया जा रहा है। कोयला, गैस के बाद अब हरेक परिवार के चूल्हे से निकाला जा रहा है। शर्मनाक ।'

बाध्यकारी समझौता नहीं: इस आरोप पर IOC ने सिलसिलेवार कई ट्वीट के जरिये अपनी स्थिति साफ करने की कोशिश की। उसने कहा, 'IOC ने अडानी पोर्ट्स के साथ अभी तक सिर्फ एक गैर-बाध्यकारी एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। अभी कोई बाध्यकारी समझौता नहीं हुआ है।'
इसके साथ ही तेल कंपनी ने कहा कि वह LPG के आवास का लिए किसी बंदरगाह को चुनते समय कोई टेंडर नहीं जारी करती है। कंपनी ने कहा, 'LPG टर्मिनल की सेवाएं लेने के लिए तेल विपणन कंपनियां वाजिब लागत पर उपलब्ध ढांचागत सुविधाओं का मूल्यांकन करती हैं। इसके लिए अलग से कोई टेंडर नहीं होता है। 

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