मध्य प्रदेश: बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र शास्त्री के भाई पर एफआईआर दर्ज..


छतरपुर। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र शास्त्री के भाई सौरव गर्ग उर्फ शालिग्राम पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। दो दिन पहले शालिग्राम का एक वीडियो फेसबुक पर वायरल हुआ था, जिसमें वह सिगरेट और हाथ में कट्टा लेकर एक शादी समारोह में लोगों को धमका रहा है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 294, 323, 506, 427 के साथ-साथ एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
गढ़ा गांव में 11 फरवरी को अहिरवार समाज के एक परिवार में बेटी की शादी हो रही थी। परिवार ने पहले बागेश्वर धाम के सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी के लिए आवेदन दिया था, लेकिन बाद में निजी कार्यक्रम करने का फैसला किया। शादी की बात पता चलते ही रात करीब 12 बजे धीरेंद्र शास्त्री का छोटा भाई शालिग्राम अपने कुछ साथियों के साथ शादी समारोह में पहुंच गया। यहां उसने उत्पात मचाया और वहां मौजूद लोगों को धमकाया।

डरे-सहमे परिवार के लोगों ने शादी रोक दी। बारात लौट गई और रिश्तेदार भी चले गए। परिवार में इतना खौफ है कि कोई भी धीरेंद्र शास्त्री के भाई के खिलाफ बोलने को आगे नहीं आया। अब वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने ही स्नढ्ढक्र दर्ज की है। जांच के लिए स्पेशल टीम बनाई गई है। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।
शनिवार को गढ़ा गांव के रहने वाले राम असरे ने फेसबुक पर एक पोस्ट किया। पोस्ट के साथ एक वीडियो अटैच्ड था। वीडियो में पं. धीरेंद्र शास्त्री के भाई शालिग्राम एक शादी समारोह में लोगों से गाली गलौज कर रहा था। सिगरेट पीते हुए मारपीट करने लगा। जब लोगों ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने कट्टा निकाल लिया और हवाई फायर किए। कट्टा लहराते हुए धमकाया कि शादी होगी तो सिर्फ सामूहिक विवाह सम्मेलन में। शादी समारोह में मौजूद महिलाओं से भी बदतमीजी की।
चश्मदीद अटकौहां गांव के बरई अहिरवार ने बताया कि शालिग्राम कुछ लडक़ों के साथ आया था। उन्होंने राई बजाने से मना किया और गाली गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी। घर में घुसकर भी मारपीट की और धमकियां दीं।
धीरेंद्र शास्त्री ने पीडि़त को बुलाया, परिवार ने मना कर दिया
राम असरे ने फेसबुक पोस्ट में बताया कि सौरव के उत्पात मचाने की जानकारी मिलते ही पं. धीरेंद्र शास्त्री ने पीडि़त परिवार को बागेश्वर धाम मिलने बुलाया था, लेकिन परिवार ने मना कर दिया। इसके बाद बागेश्वर धाम के लोग परिवार के घर आए और उन्हें अपने साथ धीरेंद्र शास्त्री के पास ले गए। पं. धीरेंद्र शास्त्री ने पीडि़त परिवार को नुकसान की भरपाई करने की बात कही और कहा कि पुलिस में शिकायत नहीं करें।

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