खबर आई है कि प्रदेश का संस्कृति विभाग सीहोर स्थित देवबड़ला को एक बड़े धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बना रहा है। 2016 में देवबड़ला पहाड़ी पर खुदाई शुरू होने के बाद यहां 11 प्राचीन मंदिरों के होने का अनुमान पुरातत्व विभाग ने लगाया था। कहा जा रहा है कि ऐसे अवशेष कई शहरों में मिले हैं, लेकिन सीहोर में पंडित प्रदीप मिश्रा का निवास है, इसलिए सीहोर को पहले धार्मिक पर्यटन केंद्र बनाया जा रहा है।
साल 2020 में 35 लाख की लागत से 52 फीट ऊंचे पहले शिव मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद दूसरे विष्णु मंदिर का निर्माण वर्तमान में जारी है। 10 -11 शताब्दी में बने ये मंदिर भूमिज शैली में बने हुए हैं। उसी शैली के आधार पर इनका पुनर्निर्माण मूल संरचना में किया गया है। मंदिरों में मूर्तियां स्थापित करने के बाद बची हुई मूर्तियों से एक संग्रहालय का निर्माण उसी क्षेत्र में होगा। हालांकि 2020 में पहले शिव मंदिर का पुनर्निर्माण हो जाने के बाद से स्थानीय लोग यहां पूजा-पाठ करते रहे हैं।
प्राकृतिक कारण या भूकंप से नष्ट हुए थे मंदिर
पुरातत्वविदों के मुताबिक ये प्राचीन मंदिर प्राकृतिक कारणों जैसे भूकंप आदि की वजह से नष्ट हुए होंगे। हालांकि परमार काल में बने ये मंदिर किसी आक्रमण की वजह से भी नष्ट होने की संभावना है।
उषा ठाकुर बोलीं - जल्द होगा पहले संरक्षित शिव मंदिर का भव्य उद्घाटन
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि शीघ्र ही पहले संरक्षित शिव मंदिर का भव्य उद्घाटन होगा। साथ ही देवबड़ला में स्थित सभी मंदिरों को संरक्षित करके सम्पूर्ण क्षेत्र को एक धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना है।
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