भोपाल। उज्जैन में रामकथा करने पहुंचे कवि कुमार विश्वास ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS को अनपढ़ और वामपंथियों को कुपढ़ कहा। बयान पर विवाद बढ़ने के बाद कुमार विश्वास ने माफी मांगी, लेकिन आज ही विक्रमादित्य शोध संस्थान की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि दो दिन की कथा निरस्त कर दी गई है। यानि उन्हें आज ही उज्जैन से रवाना कर दिया गया।संस्थान के प्रमुख श्रीराम तिवारी ने बाकायदा पत्र जारी कर कुमार विश्वास की आलोचना करते हुए कार्यक्रम निरस्त करने की सूचना दी है। शाम को ही श्रीराम तिवारी कनेक और पत्र जारी हुआ। इसमें कहा गया है कि हमारा नकली पत्र जारी किया गया है। श्री राम कथा जारी है और जारी रहेगी।
कुमार विश्वास ने एक वीडियो जारी करते हुए अपने बयान को लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा- जय जय सियाराम, कल क्षिप्रा के तट पर उज्जैयिनी में बहुत खराब स्वास्थ्य व बुखार के बावजूद, आज भी बुखार है, लेकिन महाकाल बाबा ने कृपा की तो दो घंटे से अधिक समय तक रामकथा और उसकी प्रासंगिकता पर बोल सका।
कथा प्रसंग में मेरे कार्यालय में काम करने वाले एक बालक के विषय में मैंने टिप्पणी की, जो संयोग से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में काम करता है, पढ़ता-लिखता कम है, बोलता ज्यादा है। तो मैंने उससे कहा कि तुम पढ़ा करो, तुम पढ़ते नहीं हो। वामपंथी कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़ हो। सिर्फ इतनी सी बात मैंने ये कही और इसे कुछ विघ्नसंतोषियों ने इसे ज्यादा फैला दिया। आज मुझे कुछ समाचार मिले कि कुछ मित्रों ने कहा कि हम इस कथा को भंग करेंगे। तो भाई आप ध्यान रखिएगा कि राम की कथा को कौन भंग करते हैं, ये भी ध्यान रखिएगा।
उन्होंने कहा, मैं उज्जैनस्थ अपने सभी मित्रों से अनुरोध करता हूं कि आप सब वहां पहुंचें, और मैं जो बोल रहा हूं उसका अर्थ आप उस तरह से लगाएं जो मैं बोल रहा हूं। यदि आप किसी नए अर्थ में उसे समझेंगे तो उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं। तदोपरांत आपकी इस सामान्य बुद्धि में अगर ये प्रसंग किसी और तरीके से चला गया है तो उसके लिए मुझे माफ करें... क्षमा करें।
दो ढाई घंटे में जो उत्सवधर्मी हो, जो अच्छा हो, जो मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कथा से नवनीत निकल सकता हो, उसे लेने की कोशिश करिए। आज प्रार्थना में बैठते समय भगवान से प्रार्थना करूंगा कि जिन्होंने भी ये विघ्नसंतोष पैदा किया है, ईश्वर उनकी बुद्धि को भी मलिनता से दूर करे, भगवान से जोड़े, मर्यादा पुरुषोत्तम राम से जोड़े।
मैं पुनः स्पष्ट करता हूं कि ये कथन मेरे कार्यालय में रहने वाले एक व्यक्ति के बारे में था, एक बालक के बारे में था और ऐसी बात तो मेरे पिता भी मुझसे कहते हैं बड़े मूर्ख हो तुम। जो स्वयं आप जानते ही हैं, सभी लोग जानते हैं कि संघ के बड़े पदाधिकारी हैं। मेरे भाई भी। ऐसी बातें सभी बोलते हैं, लेकिन मैंने उस लड़के से बोला क्योंकि वो आयु में बहुत छोटा बच्चा भी है, इसलिए बोल दिया और आपको अपना मानके मैंने वहां आपसे शेयर कर दिया।
कांग्रेस बोली- धर्म के घोड़े पर सवार हो राजनैतिक टिप्पणियां करना अनुचित
इस मामले में कांग्रेस की ओर से पार्टी के मीडिया विभाग के चेयरमैन केके मिश्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा- "RSS अनपढ़ है" कुमार विश्वास जी के इस कथन से मैं इत्तफाक नहीं रखता. जिस विवि के कुलाधिपति हिटलर- मुसोलिनी हों, अनुचर झूठ को आग की फैला देते हों, सुशिक्षितों को भी मूर्ख बना देते हों वह अनपढ़ कैसे? वैसे कथाकारों को धर्म के घोड़े पर सवार होकर राजनैतिक टिप्पणियां करना भी अनुचित है।
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