आज शाम 5 बजे तक यहां के प्राथमिक उपचार केंद्रों में चार हजार से ज्यादा लोग पहुंच चुके थे। जबकि एक महिला की मौत जो गई। कुछ लापता भी बताए जाते हैं। ज्यादातर लोग इस भीड़ भरी अव्यवस्था में घबराहट, उल्टी और चोट लगने के कारण पहुंचे थे।
हालात ये रहे कि 2 लाख से ज्यादा लोगों के जुटने पर प्रशासन की सांस फूल गई। उसने रुद्राक्ष बांटने वाली समिति से कहा कि एक दिन पहले रुद्राक्ष बांटना शुरू करो, तब जाकर भीड़ संभाली जा सकती है। लिहाजा रुद्राक्ष का वितरण तय समय से एक दिन पहले शुरू हुआ, लेकिन इतनी भीड़ को संभालने के लिए की गई व्यवस्था नाकाफी दिखी।आयोजन समिति का कहना है कि 1500 से ज्यादा पुलिसकर्मी और 10 हजार से ज्यादा वॉलंटियर्स व्यवस्था में लगे हुए हैं। असल बात तो ये थी कि ज्यादातर पुलिस वाले ट्रैफिक संभालने में ही लगे हुए थे।
मंदिर प्रांगण में जहां रुद्राक्ष वितरण केंद्र के लिए कतार थी, वहां भीड़ को कंट्रोल करने और व्यवस्था बनाने के लिए न तो पुलिस नजर आई न ही वॉलंटियर्स।
जो रुद्राक्ष बांटा जा रहा है, उसके बारे में श्रद्धालुओं को बताया गया है कि रुद्राक्ष को पानी में डालना है और उस पानी को पी जाना है। ऐसा करने से उनकी हर समस्या दूर हो जाएगी। भले ही नक्षत्र खराब हो, बीमारी हो, भूत बाधा हो सब संकट का निवारण हो जाएगा। यही कारण है कि इस रुद्राक्ष को लेने के लिए लोगों की भीड़ जुटी है।
सोशल मीडिया से खूब किया प्रचार, भूखे-प्यासे खड़े रहे लोग
समस्याओं के निवारण वाला रुद्राक्ष बांटने की खबर पंडित प्रदीप मिश्रा ने खूब प्रचारित की थी। उनके सोशल मीडिया नेटवर्क के जरिए हर परेशान व्यक्ति को न्योता दिया गया था। यही कारण था कि देशभर से लोग अपनी समस्या का निवारण वाला रुद्राक्ष मुफ्त में पाने पहुंचे थे। लोगों ने बताया कि हम यहां रुद्राक्ष के लिए सुबह छह बजे से कतारों में लगे हैं। अगर कतार से हटे तो नंबर चला जाएगा। यहां पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है, खाने की बात तो छोड़ दीजिए।
प्राथमिक उपचार केंद्र के डॉ. गोस्वामी ने बताया कि अब तक उनके पास 1200 से ज्यादा मरीज पहुंच चुके हैं। ज्यादातर घबराहट वाले हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ने से लोगों को भीड़ के चलते बेचैनी हो रही है।
अगर मौत आनी है तो आएगी ही: पंडित प्रदीप मिश्रा
कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि लोग मौत से डरते हैं। कहते हैं कि हम केदारनाथ नहीं जाएंगे। वहां बहुत ठंड है, कुछ हो गया तो क्या होगा, लेकिन अगर मौत आनी है तो आएगी ही। भले ही आप घर में ही क्यों न हो।आप घर में होगे, पैर पोछने के लिए पायदान पर पैर रखोगे और अगर मौत आनी ही होगी तो पायदान तुरंत फिसल जाएगा। आप 7 तालों में ही क्यों न बंद हो, मौत को आना है तो वह आएगी ही।
इलाज के लिए बागेश्वर धाम की परिक्रमा, महिला की मौत
33 साल की यह महिला नीलू उर्फ नीलम अपने पति देवेंद्र सिंह के साथ उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के महाराजपुर से आई थी। पति देवेंद्र सिंह ने बताया कि उसकी पत्नी लंबे समय से बीमार थी। इससे निजात पाने के लिए वह बागेश्वर धाम पहुंची थी। सुबह खाना खाया था। उसके बाद पंडाल में अर्जी के लिए लाइन में खड़ी हुई। इसी दौरान बेहोश हो गई। परिजन उसका शव यूपी अपने गृह ग्राम ले गए।

देवेंद्र सिंह ने बताया, 'पत्नी को बागेश्वर धाम से मिली भभूति दी ही थी कि पुलिसवाले आए और बोले- यहां से महिला को ले जाओ। गाड़ी में डालकर दो घंटे खेत की तरफ रखे रहा। फिर एम्बुलेंस से लेकर अस्पताल पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद एम्बुलेंस वाले भी छोड़कर चले गए। बोले- शव ले जाओ, जहां लेकर जाना है।
बीते 8 महीने से वह ठीक थी। आराम से खाना खाती थी, घूमती-फिरती थी। संन्यासी बाबा उसे ठीक करते थे। डॉक्टर भी अचंभा मानते थे कि वह कैसे ठीक हो रही है।' उधर, थाना प्रभारी बमीठा परशुराम डाबर ने बताया कि महिला का जिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया गया है। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो सकेगी।
बागेश्वर धाम से 28 साल की लड़की लापता

बागेश्वर धाम दरबार से 28 साल की एक लड़की के लापता हो जाने का मामला भी सामने आया है। लापता कुमारी नीरज मौर्य 12 फरवरी को पिता ओमप्रकाश के साथ धाम पहुंची थी। उस दिन सुबह करीब 10 बजे के बाद वह कहीं नजर नहीं आई। पिता का कहना है कि वह प्रेत दरबार से गुम हो गई। उन्होंने लोगों से मोबाइल नंबर 8955492438 या छतरपुर जिले के थाना बमीठा पर जानकारी देने के लिए कहा है।
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