भोपाल। केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा है कि देश की 16 हिमालयीन और 26 मैदानी नदियों को जोड़ने का प्रारूप तैयार हो चुका है। जिसमें से पांच का उल्लेख बजट में किया गया है। मप्र व उप्र के बीच केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना इस दिशा में पहला काम है। केंद्रीय मंत्री पटेल शनिवार की रात में नगर के वार्ड क्रमांक चार में निजी कार्यक्रम में शामिल हुए व फिर विदिशा चले गए। उन्होंने मीडिया से चर्चा में यह बात कही। शे पटेल ने आज रायसेन जिले में स्थित बेतवा नदी का उद्गम स्थल देखा। यहां उनके साथ जल संसाधन विभाग भोपाल के अधीक्षण यंत्री मोहनिया भी मौजूद रहे।
केंद्रीय मंत्री पटेल ने बताया कि दुनिया की 18 प्रतिशत आबादी भारत में है, लेकिन मात्र चार प्रतिशत जल हमारे पास है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के भविष्य ध्यान में रखते हुए पानी के पुख्ता इंतजाम की तीन बड़ी योजनाएं बनाई हैं। पहली हर घर जल पहुंचाना, दूसरी अमृत सरोवर व तीसरी नदी जोड़ो परियोजना। इन तीनों ही योजनाओं पर काम चल रहा है। आजादी के सौ वर्ष होने पर देश की आबादी इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो आने वाली पीढ़ी को पानी के बिना खुशहाल नहीं देख सकते। केंद्रीय मंत्री पटेल ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश भर में जल सरंक्षण की दिशा में तेजी के साथ कार्य हो रहा है। मोदी सरकार की पहली प्राथमिकता है कि देश के प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ पीने का जल मुहैया हो और इसी दिशा में हर घर नल से जल पहुंचाने का कार्य जल जीवन मिशन के तहत किया जा रहा है। पीएम मोदी ने देश की दशा व दिशा दोनों बदल दी है। पीएम मोदी का गुजरात का जो विशिष्ठ अनुभव था, वह देश में प्रयोग हो रहा है। जो लोग पानी के लिए घंटों इंतजार करते थे या दूर खेतों के कुओं से पानी लाते थे उनके लिए हर घर नल से जल पहुंचाने की योजना सुकून भरी है।
उन्होंने कहा कि पहले तालाबों पर कब्जा होता था, हम अपने बुजुर्गों के तालाबों को नहीं बचा पाए। कई तालाबों को महानगर खा गए हैं। जल संचयन के स्थायी स्त्रोत के रूप में अमृत सरोवर देश के प्रत्येक जिले में 75-75 बनाए जा रहे हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक साठ प्रतिशत तालाबों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। इन तीनों योजनाओं से देश में पानी की समस्या का हल हो सकेगा। अभी तुर्किए में आए भूकंप के कारण वहां 26 देशों से जहाजों से पानी पहुंचाना पड़ा है। इसलिए देश में पानी संचयन के लिए हर व्यक्ति को जागरूक होना जरूरी है।
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