भोपाल। राजधानी भोपाल की सबसे बड़ी जीवदया गोशाला में साल 2021-22 में 1105 गायों की मौत हुई है। यह खुलासा गोशाला की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर डिप्टी डायरेक्टर पशुपालन ने जांच रिपोर्ट में किया है। यह रिपोर्ट डायरेक्टर पशुपालन एवं डेयरी डिपार्टमेंट को भेजी गई है। गौरतलब है कि नगर निगम के सरकारी रिकॉर्ड में इस दौरान यहां सिर्फ 116 गोवंश की मौत होना दर्ज है।
रिपोर्ट के मुताबिक गोशाला से 925 गोवंश किसानों को बांटे गए हैं, जबकि 178 गोवंश चरने के लिए जंगल में गए और फिर वापस नहीं लौटे। इन आंकड़ों को जोड़ने पर गोशाला को भेजे गए कुल गोवंश की संख्या पूरी होने कह बात कही गई है, जबकि नगर निगम के रिकाॅर्ड में यहां सिर्फ 125 गोवंश की मौत होने की जानकारी दर्ज है। गोशाला की ऑडिट रिपोर्ट और नगर निगम में दर्ज मृत गाेवंश के आंकड़ों में अंतर की वजह जीव दया गोशाला में रिकॉर्ड के रखरखाव की सही व्यवस्था नहीं होना है।
गोशाला प्रबंधन ने छुपाए गोवंश की मौत के आंकड़े
सात सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट में गोशाला प्रबंधन पर पशुओं की मौत के आंकड़े छुपाए जाने की आरोप लगाया गया है। इसके लिए रिपोर्ट में लिखा गया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में गोशाला में 1105 गायों की मृत्यु की जानकारी ऑडिट रिपोर्ट में दी गई है।
गौशाला में रोजाना नहीं हाेती गोवंश की गिनती
जांच रिपोर्ट के अनुसार जीवदया गोशाला में रोजाना गोवंश (पशुओं) की काउंटिंग (गणना) नहीं होती। इसके लिए गोशाला प्रबंधन ने यहां पशु गणना की अलग से कोई व्यवस्था भी नहीं की है। इसके कारण गोशाला मैनेजमेंट को यह पता ही नहीं चलता कि जितना गोवंश जंगल में सुबह चरने गया था, वह पूरा लौटा है अथवा नहीं। गोशाला का जो पशु जंगल से चरकर वापस नहीं लौटता, वह भदभदा, बालमपुर, सूखी सेवनिया के आसपास घूमता रहता है।
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