मध्य प्रदेश सरकार ने बनया नियम बढ़ाई पायलट की अनुभव अवधि कम अनुभव वाला पायलट नहीं उड़ा सकेगा CM या VIP का विमान

Madhya Pradesh government has made rules, increased the experience period of the pilot, the pilot with less experience will not be able to fly the plane of CM or VIP.

भोपाल प्रदेश में दो हजार घंटे से कम उड़ान अनुभव वाला पायलट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य वीआईपी के विमान और हेलीकॉप्टर नहीं उड़ा पाएगा। वहीं सीनियर पायलट के लिए तो तीन हजार घंटे की उड़ान का अनुभव अनिवार्य होगा।

सीनियर पायलट, जूनियर पायलट की अनुभव की सीमा बढ़ाई 

विमानन विभाग ने डीजीसीए के नियमों के अनुसार प्रदेश में अतिविशिष्ट और विशिष्ट व्यक्तियों के लिए विमान और हेलीकॉप्टर उड़ाने वाले सीनियर पायलट, पायलट और जूनियर पायलट के अनुभव की सीमा बढ़ा दी है। पहले सीनियर पायलट के लिए एक हजार घंटे की उड़ान अनुभव और 500 घंटे मल्टी इंजन वाले हेलीकॉप्टर पर पायलट इन कमांड के रूप में अनुभव जरूरी था। अब इसे बढ़ाकर तीन हजार घंटे उड़ान भरने का अनुभव और 750 घंटे मल्टी इंजन वाले हेलीकॉप्टर पर पायलट इन कमांड के रुप में अनुभव अनिवार्य कर दिया है।

पायलट को दो हजार घंटे का हो अनुभव 

डीजीसीए ने वीआईपी श्रेणी में आने वाले विमान और हेलीकॉप्टर के पायलट के लिए दो हजार घंटे उड़ान का अनुभव अनिवार्य किया हुआ है। मध्यप्रदेश में वर्ष 2019 के बाद पायलटों के अनुभव में कोई बदलाव नहीं किया गया था। डीजीसीए बार-बार इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांग रहा था इसके चलते अब राज्य सरकार ने पायलटों के अनुभव में इजाफा कर दिया है।
पायलट
पायलट के लिए पहले दो हजार घंटे उड़ान भरने और 500 घंटे हेलीकॉप्टर पर पायलट इन कमांड के रूप में काम करने का अनुभव जरूरी था। अब इसे बढ़ाकर दो हजार घंटे उड़ान भरने का अनुभव के साथ मल्टी इंजन वाले किसी हेलीकॉप्टर पर पायलट इन कमांड के रूप में पांच सौ घंटे काम करने का अनुभव अनिवार्य कर दिया है।
जूनियर पायलट
इसी तरह जूनियर पायलट के लिए 150 घंटे उड़ान और 50 घंटे पायलट इन कमांड के रूप में काम करने का अनुभव जरुरी था। इसे बढ़ाकर अब एक हजार घंटे उड़ान भरने का अनुभव जिसमें 250 घंटे मल्टी इंजन वाले हेलीकॉप्टर पर पायलट इन कमांड के रूप में काम करने का अनुभव अनिवार्य कर दिया गया है।

0/Post a Comment/Comments