भोपाल में अक्षय पात्र की सबसे बड़ी रसोई का शुभारंभ... बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन पुण्य कार्य: चौहान..

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन की व्यवस्था पुण्य का कार्य है। यदि शरीर स्वस्थ है तो मन भी स्वस्थ होता है। अन्य संस्थाएं  इस क्षेत्र में आगे आएंगी तो उनका भी स्वागत है। हम बच्चों को बेहतर पोषण दे सकेंगे। अक्षय पात्र फाउंडेशन और एचईजी लिमिटेड के साथ मध्य प्रदेश शासन के अनुबंध से भोपाल के निकटवर्ती विद्यालयों के बच्चे लाभान्वित होंगे। वे आज मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी और पहली अक्षय पात्र की रसोई का शुभारंभ कर रहे थे। किचन शेड का निर्माण 12 करोड़  रुपए की लागत से किया गया है और हर साल साढ़े सात करोड़ रुपये की राशि भोजन पर खर्च की जाएगी।
इस अवसर पर एचडी लिमिटेड के चीफ एमडी रवि झुनझुनवाला, भीलवाड़ा गु्रप के संस्थापक लक्ष्मी निवास झुनझुनवाला,  मनीष गुलाटी, अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम को वर्चुअल ही संबोधित किया। श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी पीएम पोषण शक्ति निर्माण कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं, वहीं मध्य प्रदेश सरकार कक्षा आठवीं तक अध्ययनरत बेटे बेटियों के लिए स्कूल प्रांगण में ही मध्यानह भोजन की व्यवस्था कर रही है। अक्षय पात्र फाउंडेशन समर्पित भाव से बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण भोजन पहुंचाने का कार्य कर रहा है। भोपाल में इसकी शुरुआत सराहनीय है। स्वामी चंचलापति जी की टीम जो कार्य कर रही वह  ईश्वर की आराधना से कम नहीं है। क्योंकि बच्चे ही भगवान का रूप होते हैं। मध्यप्रदेश शासन द्वारा एचईजी से किए गए अनुबंध में शासन द्वारा खाद्यान्न सामग्री दी जाएगी। साथ ही भोजन पकाने की लागत भी सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रतिदिन पौधरोपण और पर्यावरण विकास के कार्यों की जानकारी दी।
रोटी से लेकर दाल, चावल, सब्जी तक मशीन से बनेगी
अक्षय पात्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भरतर्षभ दास ने बताया कि देश में कोई भी बच्चा भूख के कारण शिक्षा से वंचित न रहे। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर फाउंडेशन द्वारा कार्य किया जा रहा है। यह देशभर में फाउंडेशन की 66वीं रसोई है। अक्षय पात्र फाउंडेशन देशभर में अपनी भोपाल की रसोई के शुरू होते ही हर दिन 22 लाख विद्यार्थियों को 15 राज्यों के 20 हजार से अधिक विद्यालयों में भोजन उपलब्ध कराएगा। अत्याधुनिक रसोई में मशीनों के जरिए ही रोटी,सब्जी, दाल व चावल तैयार किए जाएंगे। एक बार में लगभग एक क्विंटल आटा गूंथा जाएगा एवं चपाती मशीन से 20 हजार रोटियां प्रति घंटे बनाई जा सकेंगी। साथ ही एक बार में एक हजार 200 लीटर दाल व 125 किलो चावल तैयार किया जा सकेगा। भोजन बनाने के लिए रसोई में 150 कर्मचारी काम करेंगे।

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