भोपाल । प्रधानमंत्री आवास योजना में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला ही पिछड़ रहा है। इसके अलावा वो विदिशा को भी अपना जिला मानते हैं, वो भी पीएम आवास योजना में काफी पीछे है। राज्य स्तरीय रैंकिंग में राजगढ़ 42, विदिशा 41 और सीहोर 37 पोजीशन पर है। इस पर भोपाल कमिश्नर मालसिंह भयड़िया ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि यदि रैंकिंग नहीं सुधरी तो सीएमओ समेत जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। भोपाल संभाग में कुल 681 अवैध कॉलोनियां हैं। जिन पर कार्रवाई की जाएगी।कमिश्नर भयड़िया ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा की। जिन जिलों का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं है, उन्हें सुधारने की हिदायत दी गई।
समीक्षा में बताया कि राज्य स्तरीय रैंकिंग में राजगढ़ 42, विदिशा 41 और सीहोर 37 पोजीशन पर है। सभी जिलों को इस संबंध में पत्र लिखने के निर्देश भी दिए हैं। संभाग में बीएलसी श्रेणी के 69 हजार में से 42 हजार हितग्राहियों को मकान बनाए जा रहे हैं। इस श्रेणी में खुद की जमीन पर मकान बनाने के लिए 2 लाख 50 हजार की राशि तीन किश्तों में सरकार देती है। ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मकान में आवासहीन हितग्राहियों को जिनकी इनकम 3 लाख से कम है उसमें बहुमंजिला में फ्लैट उपलब्ध कराया जाता है। इसमें हितग्राहियों को 2 लाख की राशि का अंशदान करना होता है। 3 लाख की राशि शासन स्तर से अनुदान के रूप में दिलाई जाती है।
2016 के बाद की अवैध कॉलोनियों को हटाया जाएगा
कमिश्नर भयड़िया ने भोपाल संभाग के अवैध कालोनियों के संबंध में भी समीक्षा की। जिसमें बताया कि दिसंबर 2016 के पहले की अवैध कालोनियों में आधारभूत संरचना को उपलब्ध कराने के लिए शासन स्तर पर नियम बनाए जा रहे हैं। भोपाल में नगर निगम क्षेत्र में कुल 576 ऐसी अवैध कालोनी चिन्हित हैं, इसके संबंध में नगर निगम द्वारा 320 कॉलोनियों के लिए सूचना जारी कर दी गई है। भोपाल ग्रामीण क्षेत्रों में 19 कॉलोनी 2016 के पूर्व की है। पूरे संभाग में कुल 681 अवैध कालोनियां हैं, जिनमें कार्रवाई की जाएगी। दिसंबर-2016 के बाद की अवैध कॉलोनियों को हटाने के लिए भी कार्रवाई की जाएगी। इसके संबंध में निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
1.39 लाख में से 35 हजार आवेदन पर ही कार्रवाई
राजस्व विभाग में भू-अधिकार पत्रक योजना की समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने निर्देश दिए की संभाग में एक लाख 39 हजार से अधिक आवेदनों पर केवल 35 हजार आवेदन पर ही करवाई की है। इसके लिए सभी कलेक्टर को भी पत्र लिखने के निर्देश दिए है।
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