पुण्यतिथि :एक थे आर. के. लक्ष्मण ....




भारत के एक प्रमुख व्यंग-चित्रकार के रूप में प्रसिद्ध आर के लक्ष्मण की आज पुण्यतिथि  है । अपने कार्टूनों के जरिए आर.के. लक्ष्मण ने एक आम आदमी को एक ख़ास जगह दी। हाशिये पर पड़े आम आदमी के जीवन की मायूसी, अंधेरे, उजाले, खुशी और गम को शब्द चित्रों के सहारे दुनिया के सामने रखा। लक्ष्मण के कार्टूनों की दुनिया काफ़ी व्यापक है और इसमें समाज का चेहरा तो दिखता ही है, साथ ही भारतीय राजनीति में होने वाले बदलाव भी दिखाई देते हैं। भ्रष्टाचार, अपराध, अशिक्षा, राजनीतिक पार्टियों के छलावों से जो तस्वीर निकल कर आती है वो है आर. के लक्ष्मण का आम आदमी की। आम आदमी सिर्फ जिंदगी की मुश्किलों से लड़ता है, उसे चुपचाप झेलता है, सुनता है, देखता है, पर बोलता नहीं, यही वजह है कि आर. के. लक्ष्मण का आम आदमी ताउम्र खामोश रहा। आर. के. लक्ष्मण का आम आदमी शुरू-शुरू में बंगाली, तमिल, पंजाबी या फिर किसी और प्रांत का हुआ करता था लेकिन काफ़ी कम समय में आम आदमी की पहचान बन गया ये कार्टून टेढा चश्मा, मुड़ी-चुड़ी धोती, चारखाना कोट, सिर पर बचे चंद बाल। लक्ष्मण का आम आदमी पूरी दुनिया में ख़ास बन गया था। 1985 में लक्ष्मण ऐसे पहले भारतीय कार्टूनिस्ट बन गए जिनके कार्टून की लंदन में एकल प्रदर्शनी लगाई गई। लंदन की उसी यात्रा के दौरान वो दुनिया के जाने-माने कार्टूनिस्ट डेविड लो और इलिंगवॉर्थ से मिले- ये वो शख्स थे जिनके कार्टून को देखकर लक्ष्मण को कार्टूनिस्ट बनने की प्रेरणा मिली थी। लक्ष्मण की काबीलीयत का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि लंदन का अखबार 'दि इवनिंग स्टैंडर्ड' ने उन्हें एक समय डेविड लो की कुर्सी संभालने का ऑफर दिया था। लक्ष्मण के कार्टून फिल्मों में भी इस्तेमाल हुए। फ़िल्म 'मिस्टर एंड मिसेज' और तमिल फ़िल्म 'कामराज' के लिए लक्ष्मण ने कार्टून बनाए। लक्ष्मण के बड़े भाई आर. के. नारायण की कृति "मालगुडी डेज" को जब टेलीविज़न पर दिखाया गया तो उसके लिए भी लक्ष्मण ने स्केच तैयार किये। लक्ष्मण का आम आदमी उस वक़्त फिर ख़ास हो उठा जब डेक्कन एयरलाइंस की सस्ती विमान सेवा शुरू हुई। एयरलाइंस के संस्थापक कैप्टन गोपीनाथ अपने सस्ते विमान के लिए प्रतीक चिह्न की तलाश में थे, और इसके लिए उन्हें लक्ष्मण के आम आदमी से बेहतर कुछ और नही मिल सकता था।
आर. के. लक्ष्मण को उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए  पद्म भूषण,पद्म विभूषण
  रेमन मेग्सेसे पुरस्कार (1984) बी. डी. गोयनका पुरस्कार, दुर्गा रतन स्वर्ण पदक आदि सम्मान से सम्मानित किया गया l
24 अक्टूबर, 1921 को मैसूर, कर्नाटक में जन्मे आर. के. लक्ष्मण का  26 जनवरी 2015 पुणे महाराष्ट्र में निधन हुआ l
सौजन्य राजेन्द्र कोठारी

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