मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ धार्मिक रंग में रंगे नजर आए। कमलनाथ बरगी विधानसभा क्षेत्र के सगड़ा झपनी गांव पहुंचे थे। यहां उन्होंने मां नर्मदा के नादिया घाट पर पूजा की। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि बीजेपी ने कोई धर्म का ठेका नहीं लिया है। हम अपनी धार्मिक भावनाओं को सियासी मुद्दा नहीं बनाते हैं। भाजपा धर्म के आधार पर राजनीति करती हैं। उन्होंने कहा ये हमारी अंदरूनी भावना है। हम धर्म की पब्लिसिटी नहीं करते हैं।
कमलनाथ ने कहा- मैंने देश का सबसे बड़ा हनुमान मंदिर बनाया। यह मैंने अपनी भावना से बनाया है। सबकी अपनी भावनाएं होती हैं। मैंने भोपाल में भी पूजा की है। मुझे जबलपुर में नर्मदा नदी का पूजन अर्चन करने का सौभाग्य मिला।
कमलनाथ बोले- शिवराज नौटंकी कर रहे
कमलनाथ ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने भाजपा की प्रस्तावित विकास यात्रा को फ्रॉड यात्रा बताया। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार को चुनाव के 7 महीने पहले महाकौशल की याद आने लगी है। यह चुनावी नाटक नौटंकी है। चुनाव के 7 महीने पहले जनता का ध्यान मोड़ने की राजनीति की जा रही है और जनता को गुमराह किया जा रहा है।
भाजपा नेता बिसेन की चुनौती स्वीकार की
कमलनाथ ने पूर्व मंत्री और बालाघाट विधायक गौरीशंकर बिसेन की छिंदवाड़ा से विधानसभा चुनाव लड़ने की चुनौती को स्वीकार किया है। जबलपुर प्रवास के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा- उन्हें बालाघाट से टिकट नहीं मिल रही है, तो वे भागकर छिंदवाड़ा आ रहे हैं, लेकिन छिंदवाड़ा आने पर भी मैं उनका स्वागत करता हूं। मुझे जनता पर पूरा भरोसा है कि वो 2023 के विधानसभा चुनाव में सच्चाई का साथ देगी।
सभी का सरकार चलाने का अपना स्टाइल
अफसरशाही को लेकर कमलनाथ ने कहा सभी का गवर्नमेंट चलाने का अपना-अपना स्टाइल होता है। शिवराज सिंह का अपना स्टाइल है। अफसर भी उन्हें अच्छी तरह से समझते हैं। वहीं आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे मध्यप्रदेश की जनता पर पूरा विश्वास है। जनता मध्य प्रदेश की तस्वीर सामने रखकर मध्य प्रदेश का भविष्य सुनिश्चित करेंगे और सच्चाई का साथ देंगे।
लोकल मुद्दों पर कमलनाथ का फोकस
चुनावी साल में कमलनाथ का पब्लिक इंटरेक्शन का अंदाज भी बदला है। वे जहां भी जाते है, वहां के स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठा रहे हैं। इसका उदाहरण उनके टीकमगढ़ जिले के दौरे में देखने को मिला। वहां उन्होंने भाषण की शुरुआत में ठेठ बुंदेली अंदाज में कहा- सबई जनन खौं हमाई राम-राम पौंचे। नाथ के इस अभिवादन के अंदाज को देखकर जनता ने खूब तालियां बजाईं।
निवाड़ी में BJP पर वॉलीबॉल टूर्नामेंट रोकने का आरोप...
केंद्र में कई बार मंत्री रहे कमलनाथ अक्सर राष्ट्रीय मुद्दों पर बात करते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी पर हमले करने वाले कमलनाथ अब स्थानीय मुद्दों को भी अपने दौरों के वक्त भाषणों में उठा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर प्रशासन की ज्यादती के शिकार हुए कार्यकर्ताओं को साहस दे रहे हैं।
निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर में दौरे पर पहुंचे कमलनाथ ने स्थानीय बीजेपी नेताओं और प्रशासन पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. अमर सिंह राठौर की स्मृति में 41 साल से हो रहे वॉलीबॉल टूर्नामेंट को रोकने का आरोप लगाया। इसी मुद्दे पर कमलनाथ ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा- चुनाव में आठ महीने बचे हैं। आठ महीने बाद सबका हिसाब लिया जाएगा। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से बोले- डरिएगा मत, आक्रामक रहिए। कांग्रेस की सरकार आठ महीने बाद बन रही है।
कमलनाथ ने स्वीकारा...
राजनीति स्थानीय हो गई है...
कांग्रेस की बैठकों के दौरान कमलनाथ सार्वजनिक तौर पर यह कह चुके हैं कि आज की राजनीति बहुत स्थानीय हो गई है। पहले हम ये दावे के साथ कह सकते थे कि ये घर कांग्रेस का है, लेकिन आज समय बदल गया है। बेटा किसी और पार्टी में, और पिता किसी और पार्टी में, एक ही परिवार के लोग वोट भी अलग-अलग पार्टियों को देते हैं। ऐसे में हमें लोगों को कांग्रेस की परंपरा और संस्कारों से जोड़ना जरूरी है। कांग्रेस की परंपरा जोड़ने की रही है। भाषा, जाति, धर्म, त्योहार, रीति-रिवाज अलग-अलग होते हुए भी कांग्रेस ने सबको जोड़ने का काम किया।
मंच पर आमने-सामने हिसाब करने की चुनौती
सीएम शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के मंत्री, कमलनाथ से 15 महीने का हिसाब मांगते हैं। कमलनाथ अब इस मुद्दे पर सीधे आक्रामक हो गए हैं। कमलनाथ ने सीएम को चुनौती देते हुए कहा, मैं उनसे कहता हूं कि आ जाएं मंच पर एक तरफ वे खडे़ हो जाएं और दूसरी तरफ मैं खड़ा हो जाता हूं। वो अपने 18 साल का हिसाब दे दें। मैं 15 महीने का हिसाब देता हूं।
कमलनाथ के इस बदलाव के मायने?
स्थानीय अभिवादन से स्थानीय लोग जुड़ते हैं...
कमलनाथ के इस बदले अंदाज पर युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष विक्रांत भूरिया कहते हैं कि मप्र देश का दिल कहलाता है। मप्र के इस बडे़ दिल में भी कई परंपराएं, तीज-त्योहार, भाषाएं, संस्कृति भरी पड़ी हैं। आदिवासी अंचल में 'जय जोहार' कहकर अभिवादन करते हैं। नर्मदा किनारे बसे निमाड, जबलपुर, नर्मदापुरम में लोग 'नर्मदे हर' कहकर अभिवादन करते हैं। विंध्य क्षेत्र में 'साहब सलाम', बुंदेलखंड में 'राम-राम' कहकर लोग अभिवादन करते हैं। ठेठ बुंदेली परंपरा में लोग 'राम-राम पोंचै जू' कहते हैं।
उज्जैन-इंदौर में 'जय महाकाल' कहकर लोग अभिवादन करते हैं। ग्वालियर, चंबल में 'जय माई की' कहते हैं। ऐसे ही अलग-अलग धर्मों के स्थानीय देवी-देवताओं की भी मान्यता लोगों में होती है। स्वाभाविक तौर पर जब बडे़ नेता इन देवी-देवताओं का जिक्र अपने भाषणों में करते हैं या जयकारे लगाते हैं, तो उन देवताओं में आस्था रखने वाले लोग भी जुड़ते हैं।
नरोत्तम बोले-कमलनाथ ने पूरी कांग्रेस ही बैठा दी
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को करीब 10 महीने बचे हैं। ऐसे में सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस एकतरफ तो जीत की रणनीति बनाने में जुटी है। तो वहीं दूसरी ओर एक-दूसरे की तैयारियों को लेकर दोनों ही पार्टी के नेताओं में जुबानी जंग भी छिड़ी हुई है।
राजधानी भोपाल में PCC दफ्तर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने गुरुवार को कांग्रेस प्रकोष्ठ के अध्यक्षों के साथ बैठक की थी। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने बीजेपी की 5 फरवरी से शुरू होने वालीं विकास यात्रा को फ्रॉड यात्रा कहा। इधर कांग्रेस की बैठक पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ ने बैठकें कर पूरी कांग्रेस बैठा दी है। वहीं कांग्रेस ने बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सिंधिया को लास्ट लाइन में बैठाए जाने पर तंज कसा है।
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