इंडियन क्रिकेटर केएल राहुल और फिल्म एक्ट्रेस अथिया शेट्टी की शादी की रस्में 21 जनवरी से शुरू हो गई हैं, जो 23 जनवरी तक चलेंगीं। फंक्शन सुनील शेट्टी के खंडाला वाले फार्म हाउस पर होगा।
अथिया के पापा सुनील शेट्टी एक सफल एक्टर और बिजनेसमैन हैं। लेकिन उन्होंने बचपन में काफी स्ट्रगल फेस किया है। उनके पापा क्लीनर थे। हालांकि बाद में जिस बिल्डिंग में वो काम करते थे, वहां के वो मालिक बन गए। फिल्मों में आने से पहले ही सुनील शादी कर चुके थे। उन्होंने 9 साल के लंबे इंतजार के बाद मोनिसा कादरी से शादी की, जिन्हें अब माना शेट्टी के नाम से जाना जाता है।
क्रिकेटर बनना चाहते थे सुनील
बचपन में सुनील का ख्वाब था कि वो क्रिकेटर बनें। वो अपने देश के लिए खेलना चाहते थे। क्रिकेट के लिए उन्होंने मार्शल आर्ट सीखा और फिटनेस पर भी ध्यान दिया। मार्शल आर्ट और फिटनेस की वजह से सुनील को फिल्म बलवान का ऑफर मिला।
सुनील का सपना था क्रिकेटर बनने का, लेकिन लुक और फिटनेस की वजह से उनकी एंट्री फिल्मों में हो गई। पहली ही फिल्म में ना कोई एक्ट्रेस उनके साथ काम करना चाहती थी, ना फिल्म रिलीज के बाद लोगों ने उन्हें पसंद किया। आवाज और डांस नहीं आने की वजह से लोगों ने बहुत ताने कसे। हालांकि उन्होंने खुद पर काम किया और ए-लिस्टर एक्टर्स की लिस्ट में खुद को शामिल है।
आज सुनील और माना एक सफल बिजनेस मैन हैं और दोनों की कुल नेटवर्थ करीब 500 करोड़ की है। जहां सुनील कई रेस्टोरेंट और प्रोडक्शन हाउस के मालिक है, वहीं माना भी रियल एस्टेट बिजनेस की नामी पर्सनालिटी हैं।
पिता थे क्लीनर, जिस बिल्डिंग में सफाई की बाद में उसी के मालिक बने
सुनील शेट्टी का जन्म 11 अगस्त 1961 को मुल्की, मैंगलोर में एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम सुनील वीरप्पा शेट्टी है। उनके पिता वीरप्पा 9 साल उम्र में ही मुंबई आ गए थे। घर की माली हालत ठीक नहीं थी तो वो गुजारे के लिए क्लीनर के रूप में काम करते थे। काम छोटा था लेकिन उन्हें कभी भी इस चीज से शर्मिंदगी नहीं हुई।
हाल में ही इस घटना को याद करते हुए सुनील ने कहा, पापा मेरे हीरो थे। गुजारे के लिए उन्होंने जो भी किया, उसके लिए कभी शर्म नहीं की। ताज्जुब की बात है कि जिन इमारतों में उन्होंने एक क्लीनर के तौर पर काम किया, वो एक दिन वहां मैनेजर बन गए और फिर सभी इमारतों के मालिक भी बन गए। वो ऐसे इंसान थे, जिन्होंने मुझे हमेशा सिखाया कि जो भी काम करो उस पर गर्व करो और उसे पूरे दिल से करो। जिस बिल्डिंग को सुनील के पापा ने खरीदा था वो वर्ली के फोर सीजन होटल के बगल में है।
अक्सर बेटे सुनील के शूटिंग सेट पर जाते थे पापा
जब सुनील की एंट्री फिल्मी दुनिया में हो गई थी तो उनके पापा अक्सर शूटिंग टाइम पर जाते थे। बेटे को अच्छा काम देखकर उन्हें बहुत खुशी होती थी।
डेब्यू फिल्म में कोई एक्ट्रेस साथ में काम नहीं करना चाहती थी
एक्टिंग में आने पहले से सुनील होटल बिजनेस संभाला करते थे। उन्होंने पढ़ाई भी होटल मैनेजमेंट की थी। जब फिटनेस और लुक की वजह से फिल्म का ऑफर मिला था तो उन्होंने फिल्मी दुनिया में एंट्री ले ली।
31 साल की उम्र में सुनील ने इस फिल्म एक्टिंग डेब्यू किया। जब उन्हें ये फिल्म ऑफर हुई थी तो कोई भी एक्ट्रेस उनके साथ काम नहीं करना चाहती थी। वजह से थी कि सुनील इंडस्ट्री में नए थे। हालांकि बाद में दिव्या भारती ने उनके साथ फिल्म में काम किया।
पहली फिल्म रिलीज के बाद लोग इंडस्ट्री छोड़ने की सलाह देते थे, आवाज की भी बना था मजाक
ये फिल्म सेमी-हिट थी लेकिन सुनील की एक्टिंग को लोगों ने नकार दिया था। लोगों ने उनकी आवाज और सही से डांस करने का खूब मजाक बनाया और ताने भी दिए। इन सब बातों को सुनकर सुनील बहुत दुखी होते थे, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
इस घटना को याद करते हुए उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि ये सब बातें उन्हें परेशान करती थीं लेकिन उन्होंने हिम्मत से काम किया। खुद से सुनील से वादा किया था कि वो खुद को बेहतर बनाएंगे और निंदा करने वाले ही लोग एक दिन तारीफ के पुल बांधेगे। आखिरकार बाद में वही हुआ। उन्होंने खुद पर काम किया और 90 के दशक के एलिस्टर में खुद को स्थापित किया।
फ्लाॅप फिल्मों की वजह से रात में रोते थे सुनील
सुनील के लाइफ में एक ऐसा भी फेज आया था, जब उनकी फिल्में लगातार फ्लाॅप हो रही थीं। इस वजह से वो ये सोचने में मजबूर हो गए थे कि क्या वो सच में एक अच्छे एक्टर नहीं हैं। इस वजह से वो रात-रात भर रोते रहते थे। हालांकि समय के साथ सभी चीजें ठीक हो गईं थीं और उनका करियर एक बार फिर पटरी पर आ गया था।
परिवार को मनाने में लगे थे 9 साल, फिर हुई शादी
जब ये बात माना ने अपने घरवालों को बताई तो उन्होंने मना कर दिया। वजह ये थी कि माना एक गुजराती मुस्लिम परिवार से थीं, वहीं सुनील कर्नाटक के तुलू भाषी परिवार से ताल्लुक रखते थे। सुनील के परिवार वाले भी इस रिश्ते से खुश नहीं थे। हालांकि, दोनों ने हार नहीं मानी और परिवार को लगातार मानते रहे। बहुत मानने के बावजूद परिवार वाले राजी नहीं हुए। उस वक्त उनके पास भागकर शादी करने के अलावा दूसरा कोई ऑप्शन नहीं था। फिर भी उन्होंने ऐसा कदम नहीं उठाया। उन्होंने तय किया कि वो बिना परिवार के रजामंदी के शादी नहीं करेंगे। ऐसे में उन्होंने इंतजार करने का फैसला किया।
शुरुआत में परिवार ने तो उनके रिश्ते को ठुकरा दिया था। लेकिन जब देखा कि समय के साथ उनका रिश्ता और मजबूत हो गया है, तो परिवार वाले भी राजी हो गए। आखिरकार 9 साल के लंबे इंतजार के बाद दोनों की शादी हुई। 9 साल बाद 25 दिसंबर 1991 को सुनील शेट्टी और माना शादी के बंधन में बंध गए थे।
Post a Comment