तेल कंपनियां एक लीटर पेट्रोल-डीजल पर कितना मुनाफा कमा रही हैं?
ICICI सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त तेल कंपनियां प्रति लीटर पेट्रोल पर 10 रुपए लाभ कमा रही हैं। क्रूड ऑयल की कीमत भले ही इंटरनेशनल मार्केट में कम हुई हो, लेकिन पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में कोई कमी नहीं की गई है। इसके पीछे तेल कंपनियां दो तर्क दे रही हैं…
1. इस वक्त तेल कंपनियों को प्रति लीटर डीजल पर 6.5 रुपए घाटा हो रहा है, जिसे कंपनियां पेट्रोल की बढ़ी कीमत से मैनेज कर रही हैं।
2. मार्च 2022 में जब क्रूड ऑयल की कीमत सबसे ज्यादा प्रति बैरल 140 डॉलर हो गई थी। एक लीटर पेट्रोल पर कंपनियों को रिकॉर्ड 17.4 रुपए और डीजल पर 27.7 रुपए घाटा होता था। तब पेट्रोल-डीजल की कीमत नहीं बढ़ाई गई थी। इस वक्त उसी घाटे की भरपाई हो रही है।
2022 में तेल कंपनियों को 21 हजार करोड़ का घाटा हुआ था
इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम तीनों ही कंपनियों ने अप्रैल से सितंबर 2022 के बीच 21,201 करोड़ रुपए के नुकसान होने की बात कही थी। हालांकि, इंटरनेशनल मार्केट में तेल की कीमत कम होने के बाद अक्टूबर से दिसंबर के बीच इंडियन ऑयल को 2,400 करोड़, भारत पेट्रोलियम को 1,800 करोड़ और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम को 800 करोड़ रुपए का फायदा हुआ।
ICICI सिक्योरिटीज ने दावा किया है कि तेल कंपनियों ने दिसंबर 2022 तक अपने घाटे की भरपाई कर ली है।इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन जंग का सीधा असर इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतों पर पड़ा है।
फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। इसके एक महीने बाद ही मार्च 2022 में क्रूड ऑयल की कीमत प्रति बैरल 140 डॉलर पर पहुंच गई थी। ये पिछले 14 साल में सबसे ज्यादा था।
अब एक स्लाइड में जानिए इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत कब कितनी रही है…ट्रोल-डीजल टैक्स से केंद्र सरकार की कमाई कई गुना बढ़ी
पेट्रोल-डीजल की कीमतों के बढ़ने में सबसे बड़ा रोल केंद्र और राज्य सरकार के टैक्स का होता है। पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार जो टैक्स लेती है उसे एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकार जो टैक्स लेती है उसे वैट या सेल्स टैक्स कहते हैं।
पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स से केंद्र और राज्य दोनों को जमकर कमाई होती है। हालांकि, पिछले 7 सालों के दौरान इन टैक्स से राज्यों की तुलना में केंद्र की कमाई कई गुना बढ़ी है।
2014 में केंद्र सरकार पेट्रोल पर 9.48 रुपए/लीटर एक्साइज ड्यूटी लेती थी, जो 16 जून 2020 में बढ़कर 32.98 रुपए हो गया, फिलहाल ये 19.9 रुपए/लीटर है। वहीं 2014 में डीजल पर केंद्र सरकार 3.56 रुपए/लीटर एक्साइज ड्यूटी लगाती थी, जो 16 जून 2020 में बढ़कर 31.83 रुपए हो गया था और फिलहाल 15.8 रुपए है।
2014-15 में पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी से केंद्र ने 1.15 लाख करोड़ रुपए कमाए थे, जबकि राज्यों ने फ्यूल पर टैक्स से 1.37 लाख करोड़ कमाए थे। वहीं 2021-22 तक केंद्र की कमाई बढ़कर 2.62 लाख करोड़ और राज्यों की कमाई 1.89 लाख करोड़ रुपए रही।
खासतौर पर कोरोना काल शुरू होने के बाद से केंद्र ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में काफी बढ़ोतरी की। फरवरी 2020 से मई 2020 तक 4 महीने में ही केंद्र ने पेट्रोल की एक्साइज ड्यूटी 13 रुपए/लीटर और और डीजल की 16 रुपए/लीटर तक की बढ़ोतरी की थी।
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