दिल्ली में राहुल.. रैली में भारी भीड़.. मुद्दों को समर्थन या कांग्रेस को...?

नई दिल्ली। भारत जोड़ो यात्रा के 108वें दिन राहुल गांधी 24 दिसंबर को दिल्ली पहुंचे। यात्रा को सफल बनाने के लिए पार्टी स्तर पर काफी तैयारी पहले से ही की गई थी, लेकिन दिल्ली में सामान्य लोग भी भारी संख्या में यात्रा में शामिल होने पहुंचे। यात्रा के बदरपुर में पहुंचने से लेकर आश्रम में विश्राम लेने, और इसके बाद लालकिला पहुंचने तक की आम लोगों की भागीदारी बड़ी संख्या में रही। क्या यह भीड़ राहुल गांधी के द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों पर जनता के समर्थन की तरह देखा जाना चाहिए? क्या यह भीड़ वोट में बदलेगी और पार्टी दिल्ली में मजबूत होगी?

बदलेगी कांग्रेस की किस्मत? 
दिल्ली की राजनीति पर पकड़ रखने वाले जितेंद्र सिंह ने अमर उजाला से कहा कि नगर निगम चुनाव में ही यह दिखने लगा था कि राजधानी का एक बड़ा वर्ग अब भाजपा और आम आदमी पार्टी की तुलना में कांग्रेस को प्राथमिकता देने लगा है। निगम चुनाव में जिस तरह मुसलमान मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी का साथ छोड़कर कांग्रेस में 'घर वापसी' की है, इससे आने वाले चुनावों में अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और कांग्रेस की किस्मत खुल सकती है। 

चूंकि, दिल्ली में यात्रा में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को भी भारी संख्या में देखा गया, यह माना जा सकता है कि गरीबी-महंगाई से परेशान आम लोगों में राहुल गांधी के द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों के प्रति समर्थन बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में इस भीड़ का एक वर्ग भी वोटों में बदला तो दिल्ली में कांग्रेस की किस्मत चमक सकती है।

संवाद शैली ने बताई जनता के मन की बात 
जितेंद्र सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने लाल किले पर जिस तरह 'संवाद शैली' में बात किया, उससे यह संदेश जाता है कि जनता केवल उन्हें देखने या सुनने ही नहीं आई थी, बल्कि उनके मुद्दों पर खुलकर अपनी राय भी दे रही थी। यह केवल एक-दो बार नहीं, बल्कि कई बार हुआ जब राहुल गांधी ने किसी मुद्दे पर जनता से उसकी राय पूछी और उसकी तरफ से ऊंची आवाज में जवाब सुनाई पड़ा। यह आवाज यह बताने के लिए काफी थी कि राहुल गांधी को कमजोर और 'पप्पू' साबित करने की कोशिशें नाकाम हुई हैं और उनकी लोकप्रियता लोगों के बीच बढ़ रही है।  
मां के साथ तस्वीर ने छुआ लोगों का दिल 
राहुल गांधी ने दिल्ली में पहुंचने के बाद अपनी मां सोनिया गांधी के साथ अपनी एक तस्वीर साझा की। उन्होंने लिखा कि उन्हें जो मोहब्ब्त विरासत में मिली है, वे उसी को लोगों के बीच बांटने के लिए निकले हैं। यह तस्वीर संवेदनशील भारतीयों के दिलों को छू गई। आज चूंकि, सोशल मीडिया से लेकर टीवी चैनलों तक के बहस में लगातार नकारात्मक विचार देखने-सुनने को मिल रहे हैं, उसके बीच इस तरह के सकारात्मक विचार लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। विशेषकर युवाओं और महिलाओं में इस तरह के विचार तेजी से अपनी जगह बना सकते हैं जिसका कांग्रेस को लाभ मिल सकता है।  

मुद्दों पर दिखा समर्थन 
लाल किला पर राहुल गांधी का भाषण सुनने पहुंचे अनुज कुमार ने अमर उजाला को बताया कि उन्होंने (राहुल गांधी) ने अपने भाषण में उन्हीं मुद्दों को उठाया जिससे आम जनता आज परेशान है। उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी और देश में फैलाई जा रही नकारात्मक हवा के मुद्दे पर खुलकर बोला। आज जनता के इन मुद्दों पर कहीं चर्चा नहीं हो रही है। यही कारण है कि लोगों ने स्वयं को उनसे जुड़ा महसूस किया और लोग स्वयं उन तक पहुंचे।  

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