एक बेटे ने जब पढ़ाई करने की ठानी तो माता पिता ने पूरा सपोर्ट किया. माता-पिता ने दिन रात कपड़ों की सिलाई करके बेटे को बीटेक कराया. आदेश के पिता बाहर तो माता घर पर रहकर सिलाई का काम करते थीं. कहते हैं जब कोई बात दिल को लग जाती है तो फिर हम उसे पूरी करने की ठान लेते हैं ऐसा ही हुआ था आदेश के पिता के साथ. आदेश के पिता से पड़ोसी कहने लगे थे कि बेटे की पढ़ाई पर पैसा खर्च करने से कोई फायदा नहीं है उसे काम में लगाओ चार पैसे कमाएगा. इस बात को उन्होंने अपने दिल पर लगा लिया और फिर बेटे को पढ़ाया और उन्होंने दिखा दिया कि पढ़ाई का कोई विकल्प नहीं है।
बेटे ने भी खूब मेहनत की और कामयाबी हासिल की. साल 2017 में आदेश पीसीएस का एग्जाम पास करके नायब तहसीलदार बन गए. उसके बाद वह अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए लगातार पढ़ाई करते रहे. उन्होंने साल 2020 में यूपीपीसीएस परीक्षा पास की और एसडीएम बन गए, लेकिन जब बेटा एसडीएम बना तो पिता इस दुनिया में नहीं थे।
जब बेटे आदेश को बीटेक की पढ़ाई के लिए बाहर भेजना था तो परिवार के पास पैसे नहीं थे. इसके लिए आदेश के पिता ने अपने घर पर लोन लिया और बेटे को बीटेक कराने के लिए झांसी भेज दिया. इसके अलावा उन्होंने फैक्ट्री से कपड़े घर लाकर सिलाई करना भी शुरू कर दिया. वह इतना काम करते थे कि महज 4 घंटे ही सो पाते थे. बेटे ने जब बीटेक कर लिया और आदेश का सेलेक्शन टीसीएस में हो गया तो घर के हालात सुधरने लगे. आदेश कुमार की पढ़ाई सहारनपुर से ही हुई है. आदेश साल 2015 से यूपीपीसीएस एग्जाम दे रहे हैं. इससे अलग अलग पद पर उनका सेलेक्शन भी हुआ लेकिन एसडीएम का पद उन्हें साल 2020 में मिला।
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