विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह के 'अविश्वास' को नहीं मिला कमलनाथ का विश्वास..


भोपाल।भाजपा सरकार के चौथे कार्यकाल में विपक्षी दल कांग्रेस ने  दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। लेकिन बुधवार को नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह को पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ का साथ नहीं मिला। वे सरकार को घेराबंदी में सफल भी नहीं रहे। जिस समय सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही थी, कमल नाथ विदिशा के सिरोंज में सभा को संबोधित कर रहे थे। इसको लेकर संसदीय कार्य मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने भी तंज कसते हुए कहा कि आपके नेता (कमल नाथ) अपने ही नेता प्रतिपक्ष के प्रति अविश्वास प्रकट कर रहे हैं। हालांकि, पूर्व मंत्री तरुण भनोत, जीतू पटवारी आदि ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की, लेकिन कमलनाथ की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय रही। कांग्रेस के ही अंदरखाने में इस पर नाराजगी जताई जा रही है वहीं सीएम शिवराज से मिलीभगत की बात भी कही जा रही है। 

वैसे भी जब कमलनाथ सीएम बने थे, उन्होंने शिवराज के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर अपनाया था। ना तो सिंहस्थ के मामले में कुछ किया गया और ना ही व्यापम को लेकर एस आई टी गठित की गई। यही नहीं हनी ट्रैप मामले को लेकर बड़े मगरमच्छो के खिलाफ कुछ नहीं किया। कुल मिलाकर कलनथ ली भूमिका संदिग्ध ही मानी जा रही है। 

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