भोपाल । आज राजधानी के 9 मसाला रेस्टोरेंट में सहकार भारती के द्वारा प्रेस वार्ता आयोजित की गई जिसमें सहकार भारती के प्रदेश अध्यक्ष नारायणसिंह एवं प्रदेश महामंत्री योगेन्द्रसिंह ने बताया कि मप्र सरकार द्वारा सहकारी संस्थाओं में निर्वाचन न करवाने को लेकर मध्यप्रदेश के समस्त 52 जिलों में राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को सौपा गया। तथा सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन कराने की मांग की गई। आंदोलन को आगे गति देते हुए 2 जनवरी 2023 को डॉ अंबेडकर जयंती पार्क में धरना दिया जायेगा। पदाधिकारियों के अनुसार मध्यप्रदेश की सहकारी संस्थाओं का कार्यकाल काफी समय पूर्व समाप्त होने से सहकार भारती मध्यप्रदेश द्वारा निरंतर इन सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन कराये जाने हेतु मांग की जाती रही है। 11 जनवरी 2022 के पश्चात भी अनेकानेक स्मरण पत्र देकर व सहकारिता मंत्री से प्रत्यक्ष मिलकर भी इस मांग को उठाया जा चुका है परंतु संविधान की हत्या करते हुए मध्यप्रदेश सरकार सहकारी संस्थाओं के चुनाव न करवाकर संविधान का उल्लंघन कर रही है। जबकि भारतीय संविधान में 97 वां संशोधन में यह आज्ञापक प्रावधान किया गया है कि कोई भी सहकारी संस्था अपनेकार्यकाल समाप्ति से पूर्व संचालक मंडल का चुनाव करावें। किन्हीं कारणों से प्रशासक बैठाया जाता है तो वह भी 6 माह या 12 माह से अधिक नहीं बैठाया जा सकता। यह अनिवार्य होगा कि इस अवधि में सहकारिता विभाग निर्वाचन करवाकर संचालक मंडल को संस्था का प्रभार सौंपे। इसी प्रावधान के संवाहक बने अपने ही सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 51 (1) च का म.प्र. सरकार पालन नहीं कर रही है।
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