भोपाल। राजधानी के ईदगाह हिल्स स्थित वाटर फिल्टर प्लांट में सोमवार को क्लोरीन गैस से एक कर्मचारी की तबीयत बिगड़ गई। जबकि कल ही नगर निगम आयुक्त के वी एस चौधरी कोलासानी ने साफ कहा कि प्लांट में कोई क्लोरीन नहीं रिसी है। आयुक्त ने इस मामले को पूरी तरह दबाने का प्रयास किया, लेकिन अब जब कर्मचारी के वेंटिलेटर पर होने की खबर बाहर आई तो आयुक्त बगलें झांकने लगे।
असल में अशरफ नाम का कर्मचारी वॉल्व खोल रहा था, तभी चपेट में आ गया और उसे टीबी हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा। कर्मचारी वेंटिलेटर पर है। 6 दिन पहले क्लोरीन गैस से 70 से अधिक परिवार प्रभावित हुए थे। हालांकि, दोबारा गैस रिसाव के मामले में जिम्मेदारों ने चुप्पी साध ली है। बताया जा रहा है कि समय रहते मामला संभाल लिया गया, लेकिन प्लांट में काम करने वाले कर्मचारी और आसपास के रहवासी दहशत में आ गए।
ताजा मामला सोमवार सुबह सामने आया है। एक कर्मचारी अशरफ अली (58) काम कर रहे थे। इसी दौरान वे बेहोश हो गए। इसके बाद उसे टीबी हॉस्पिटल ले जाया गया। यहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। डॉक्टरों का कहना है कि कर्मचारी को हमीदिया हॉस्पिटल में रेफर किया जाएगा।
गेट पर ताला, एंट्री बंद
मामला सामने आने के बाद ईदगाह फिल्टर प्लांट के मेन गेट पर ताला जड़ दिया गया और मीडिया की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। गेट पर कर्मचारी मुस्तैद है, जो किसी को भी अंदर नहीं जाने दे रहे।
पहले मामले में साधी चुप्पी, फिर आया कमिश्नर का बयान
इधर, मामले में जानकारी लेने के लिए नगर निगम के अफसरों ने पहले चुप्पी साध ली। कोई भी इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार करता रहा। इंचार्ज असिस्टेंट इंजीनियर (AE) देवेश गहरवाल मोबाइल रिसीव नहीं कर रहे थे, जबकि एक वरिष्ठ अफसर का कहना था कि क्लोरीन गैस के रिसाव जैसा मामला नहीं है। हालांकि, कर्मचारी की तबीयत कैसे बिगड़ी, यह वे नहीं बता पाए। दोपहर साढ़े 3 बजे के बाद कमिश्नर कोलसानी का बयान आया। उन्होंने कहा कि गैस का रिसाव नहीं हुआ। प्लांट और आसपास का क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित है। कर्मचारी द्वारा कार्य करने के दौरान क्लोरीन गैस की पाइप लाइन को जोड़ने के समय गैस सुंघ ली गई थी।
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