नितिन गडकरी बोले, जब मुझे अहंकार हो गया था.. सुनाया मंत्रियों और अफसरों के खर्च का किस्सा

बेंगलुरु: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जब कुछ बोलते हैं तो कई किस्से निकल आते हैं। आज बेंगलुरु में एक कॉन्फ्रेंस 'मंथन- आइडियाज ऑफ एक्शन' में गडकरी ने बोलना शुरू किया तो कई किस्से निकल आए। एक किस्सा तो उन्होंने अपने अहंकार का ही सुना दिया। गडकरी इस दौरान जर्मनी से लेकर एक बुजुर्ग किसान की बातें बताते गए। गडकरी ने सरकारी पैसे के दुरुपयोग को लेकर भी दुख जताया। 
गडकरी ने इस कार्यक्रम में अपनी जिंदगी से जुड़ा एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि कभी-कभी छोटे लोगों से भी कुछ बातें सीखने को मिलती है। क्योंकि अच्छी बातों के ऊपर किसी का पेटेंट नहीं है। मुझे लगता है कि मैं मंत्री हूं, मुझे कौन सिखा सकता है, पर ऐसा नहीं होता है। मुझे भी अभी भी बहुत सी बातें मालूम ही नहीं है। मुझे अभी समझ में नहीं आता है कि लोग मुझे रोड एक्सपर्ट बोलते हैं। कहते हैं कि मैंने बहुत काम किया है। मैंने अपने घर में कंट्रैक्टर बना था। हमारा मिट्टी का घर था बहुत बड़ा, मैंने आर्किटेक्ट को निकाल दिया। उस समय मुंबई में फ्लाईओवर, वर्ली-बांद्रा सी लिंक, एक्सप्रेस हाइवे बनाया था तो मुझे भी बड़ा अहंकार हो गया था कि मुझे सब समझ आ गया है। मैंने अपने मन से घर को डिजाइन किया। बाद में मेरे बेडरूम में पलंग के सामने पिलर आ गया। तब मुझे मालूम हुआ कि अगर मैं कंट्रैक्टर की बात मान लेता तो ठीक होता, मैंने गलती की। 

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