
छिंदवाड़ा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा में उनसे मिलकर मदद मांगने पहुंची बैतूल की एक छात्रा को पुलिस वालों ने खदेड़ दिया। इससे वह वहां मौजूद मीडिया वालों के सामने फूट-फूटकर रोने लगी। छात्रा का आरोप है कि उसकी कोई मदद नहीं कर रहा है। उसके पिता के पैर टूट गये हैं और वे काम करने की स्थिति में नहीं है। 2017 से एजूकेशन लोन के लिए हरसंभव जगह पर गुहार लगा रही है, लेकिन मंत्री और अफसर सब बेखबर हैं। किसी के पास समय नहीं है उसकी मदद करें। वह भीख नहीं मांग रही है, लोन को वह बकायदा चुकाएगी।
छात्रा का नाम मीना चौकीकर है और उसे सन् 2018-19 में बीएससी नर्सिंग कॉलेज छिंदवाड़ा में एडमिशन लेना था, इसके लिए उसे साढ़े चार लाख रुपये का लोन चाहिए था। पिछले पांच साल से वह दर्जनों अधिकारियों और मंत्रियों से गुहार लगा चुकी है, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। थक हार कर कई बार मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश की, लेकिन वहां तक उसे पहुंचने नहीं दिया गया।
मीना ने मीडिया को बताया कि जब वह बैतूल जिला कलेक्टर के पास अपनी परेशानी बताने के लिए पहुंची तो उन्होंने कहा, “पढ़ लिखकर तुम क्या कर लोगी।” इससे पहले वह लोन के लिए कैबिनेट मंत्री सुखदेव पांसे से मिलीं तो उन्होंने मदद का आश्वासन दिया, लेकिन आज तक कुछ नहीं किया।
“उसका कैरियर खराब हो गया, कहां जाऊं, क्या मर जाऊं?”
सीएम के सभा मंच के सामने ही छात्रा मीडिया के सामने रोने लगी और कहा कि उसका कैरियर खराब हो गया। बोली- “मैं 5 साल से बहुत परेशान हूं, मेरे पास रहने का घर नहीं है। कोई मदद नहीं कर रहा। पूरा कैरियर खराब हो गया। 5 साल से सभी लोगों के चक्कर लगा रही हूं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।” मीडिया वालों से ही पूछा कि बताइए- “कहां जाऊं, क्या मर जाऊं?”
घर नहीं होने से सड़क किनारे झोपड़ी में रहने को है विवश
छात्रा के पास अपना घर नहीं है, इसकी वजह से उसका परिवार सड़क किनारे झोपड़ी में रहता है। इसके बावजूद वह पढ़ना चाहती है और अपनी मेहनत से परिवार की जीविका चलाना चाहती है।
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