मप्र में अब स्वाइन फ्लू ने पैर पसराना शुरू कर दिया है। एक महीने में स्वाइन फ्लू के 40 केस मिले हैं। केस के मामले में इंदौर टॉप पर है। 31 जुलाई तक प्रदेशभर में स्वाइन फ्लू के सिर्फ 5 मरीज मिले थे, जबकि एक मौत हुई थी। बीते 39 दिनों में इनकी संख्या बढ़कर 50 पहुंच गई है। स्वाइन फ्लू से इंदौर और मुरैना में एक-एक मरीज की जान जा चुकी है।
इंदौर स्वाइन फ्लू का हॉट स्पॉट
इंदौर प्रदेश में स्वाइन फ्लू का हॉट स्पॉट बना हुआ है। प्रदेश के 10 जिलों में अब तक 50 केस मिल चुके हैं। इनमें इंदौर के 34 मरीज शामिल हैं। इंदौर की आईडीएसपी शाखा को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 98 संदिग्धों की जांच कराई गई, इनमें 34 स्वाइन फ्लू संक्रमित मिले हैं। इंदौर के निजी अस्पतालों में ज्यादातर स्वाइन फ्लू के मरीज एडमिट हैं।
इन 10 जिलों में स्वाइन फ्लू के मरीज मिले
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अब तक करीब 150 संदिग्धों की जांच कराई गई है। इनमें 50 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इंदौर में 34, भोपाल में 7, नर्मदापुरम में 2 और ग्वालियर, सागर, सीहोर, विदिशा, जबलपुर, राजगढ़ में एक-एक पॉजिटिव मिला है।
कोरोना और स्वाइन फ्लू के लक्षणों में मामूली अंतर
रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिसीजेज भोपाल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पराग शर्मा बताते हैं कि वैसे तो कोरोना हो या स्वाइन फ्लू दोनों के लक्षणों में मामूली सा अंतर है। मास्क इन बीमारियों से बचाव का सबसे अच्छा सुरक्षा चक्र है। इसके अलावा बारिश के दिनों में मौसमी वायरल फीवर से बचने के लिए बेहतर होगा, साफ उबला हुआ पानी पर्याप्त मात्रा में पीएं। डॉक्टर की सलाह के बिना दवाएं न लें। बुखार में पैरासिटामोल ले सकते हैं।
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