नई दिल्ली। बिहार के CM नीतीश कुमार और RJD चीफ लालू यादव ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली। मुलाकात के बाद नीतीश ने कहा कि हम देश में कई दलों को एकजुट करना चाहते हैं। सोनिया गांधी ने 17 अक्टूबर को कांग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष चुने जाने के बाद फिर से मिलने के लिए कहा है।
वहीं, लालू ने कहा कि हमें बीजेपी को हटाना है और देश को बचाना है। जिस तरह से हमने बिहार में BJP को हटाया था, उसी तरह से हम सभी को एक साथ आना होगा। लालू-नीतीश की सोनिया से मुलाकात 7 साल बाद हुई है। 2015 में बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश ने पटना के गांधी मैदान में CM पद की शपथ ली थी, जिसमें सोनिया भी शामिल हुई थीं।
मोदी के खिलाफ एकजुट नहीं हो पाया विपक्ष, 10 राज्यों के 17 नेताओं को आना था, 5 ही पहुंचे
इससे पहले, रविवार देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की 109 वीं जयंती पर हरियाणा के फतेहाबाद में 'सम्मान दिवस रैली' हुई। रैली के लिए इनेलो (इंडियन नेशनल लोकदल) प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला ने नीतीश कुमार सहित 10 राज्यों के 17 नेताओं को निमंत्रण दिया था, लेकिन मंच पर 5 बड़े नेता ही दिखे। इनमें नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, NCP चीफ शरद पवार, SAD नेता सुखबीर सिंह बादल और CPI(M) महासचिव सीताराम येचुरी शामिल थे।
इनेलो की रैली में नीतीश कुमार ने कांग्रेस सहित सभी दलों से एक साथ आने की अपील की। नीतीश ने कहा कि ऐसा होने के बाद BJP को 2024 के लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिलेगी। वहीं, तेजस्वी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए पूछा कि अब NDA कहां है? शिवसेना, अकाली दल, JDU जैसे भाजपा सहयोगियों ने लोकतंत्र बचाने के लिए इसे छोड़ दिया है।
इधर, सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि यह नया गठबंधन बनाने के लिए साथ आने का समय है। बादल ने आगे कहा कि SAD, शिवसेना और JDU ही असली NDA है, क्योंकि हमने इसकी स्थापना की थी। वहीं, शरद पवार ने कहा कि अब 2024 में सरकार बदलने का समय आ गया है।
ओम प्रकाश चौटाला से मुलाकात की वजह
नीतीश ने शिक्षक भर्ती घोटाले में सजा काटकर जेल से बाहर आए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला से इसी महीने मुलाकात की थी। चौटाला की पार्टी इनेलो हरियाणा की क्षेत्रीय पार्टी है, जहां लोकसभा की 10 सीटे हैं। चौटाला की गिनती बड़े जाट नेताओं में होती है। हरियाणा के साथ-साथ पश्चिमी यूपी की भी 5 से ज्यादा सीटों पर जाट वोटर्स का असर है।
कांग्रेस का साथ सबसे अहम
नीतीश कुमार ने इस महीने दिल्ली दौरे पर सबसे पहले राहुल गांधी से मुलाकात की थी। कांग्रेस वर्तमान में लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी है। 2019 में कांग्रेस को 52 सीटों पर जीत मिली, जबकि 210 सीटों पर पार्टी दूसरे नंबर पर रही। यानी कुल 262 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस भाजपा से सीधे मुकाबले में थी।
नीतीश विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हैं। उधर, अमित शाह ने दो दिन पहले ही बिहार का दौरा कर चुनावी बिगुल फूंक दिया। पूर्णिया जिले में एक रैली मे शाह ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार की जनता लालू-नीतीश की जोड़ी का सफाया कर देगी। 2025 में भी भाजपा पूर्ण बहुमत से बिहार में सरकार बनाएगी।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के लिए नीतीश RJD और कांग्रेस की गोदी में बैठ गए। नीतीश कुमार ने जॉर्ज फर्नाडिस के साथ भी धोखा किया। मांझी के साथ धोखा किया। अब BJP को धोखा देकर लालू के पास चले गए। ये धोखा मोदी जी के साथ नहीं हुआ है। बिहार की जनता के साथ हुआ है।
500 से ज्यादा सीटों पर सीधी लड़ाई की तैयारी, दक्षिण से उत्तर तक घेराबंदी
नीतीश अगर विपक्ष को एकजुट करने में सफल रहते हैं और सभी दल एकजुट हो गए तो आगामी लोकसभा चुनाव में 500 से ज्यादा सीटों पर भाजपा से सीधी लड़ाई होगी। जिन दलों से नीतीश संपर्क साध रहे हैं, वे सभी दल दक्षिण से लेकर उत्तर भारत तक प्रभावी हैं।
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