नीतीश का मिशन 2024:दिल्ली में 5 विपक्षी नेताओं से मिले, 13 को साथ लाने का टारगेट

 में भाजपा को सत्ता से दूर करने के बाद नीतीश कुमार मिशन 2024 की तैयारी में जुट गए हैं। इसी कड़ी में सोमवार को वे 3 दिन के दौरे पर दिल्ली पहुंचे। पहले दिन ही उन्होंने विपक्ष के 5 बड़ें नेताओं से मुलाकात की। इनमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कर्नाटक के पूर्व CM और JDS नेता एचडी कुमारस्वामी, CPI(M) महासचिव सीताराम येचुरी, दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल और NCP सुप्रीमों शरद पवार शामिल हैं।

अगर, नीतीश के प्रयास सफल रहे तो 2024 के चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के साथ-साथ सभी क्षेत्रिय पार्टियां साथ आ सकती है।यह पहली बार नहीं है, जब नीतीश महागठबंधन बनाने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। 2015 में भी उन्होंने कोशिश की थी, लेकिन तब वे सफल नहीं हो सके थे। नीतीश के दिल्ली दौरे से 2024 के चुनाव पर क्या असर होगा? विस्तार से जानते हैं...

500 से ज्यादा सीटों पर सीधी लड़ाई की तैयारी, दक्षिण से उत्तर तक घेराबंदी
नीतीश का दिल्ली दौरा अगर सफल रहा और सभी दल एकजुट हो गए तो आगामी लोकसभा चुनाव में 500 से ज्यादा सीटों पर भाजपा से सीधी लड़ाई होगी। जिन दलों से नीतीश संपर्क साध रहे हैं, वे सभी दल दक्षिण से लेकर उत्तर भारत तक प्रभावी हैं।

रूरल एरिया पर ज्यादा फोकस, रणनीति सफल रही तो भाजपा को नुकसान संभव

देश के रूरल एरिया में लोकसभा की कुल 353 सीटे हैं, जिसमें 2019 में भाजपा को 207 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं कांग्रेस और अन्य के खाते में 126 सीटे गई थीं। सूत्रों के मुताबिक नीतीश और गठबंधन का पूरा फोकस इन रूरल एरिया पर है। यहां पर 2014 और 2009 के मुकाबले भाजपा सबसे ज्यादा कमजोर थी।

2009 में भाजपा को रूरल एरिया में सिर्फ 77 सीटों पर जीत मिली थी। जो 2014 में बढ़कर 190 और 2019 में 207 पर पहुंच गई। वहीं सेमी अर्बन की बात करें तो यहां 2009 में भाजपा को 20 सीटे मिली थी, जबकि 2014 में यह बढ़कर 53 और 2019 में 58 पर पहुंच गई।

हाइली अर्बन यानी उच्च शहरी एरिया की बात करे तो यहां 2009 में भाजपा के पास 20 सीटे थीं, जो 2014 और 2019 में 40-40 सीटों पर पहुंच गई।

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