भवर सिंह शेखावत ने क्यों कहा.. तुलसी सिलावट और दत्तीगाव को हटाया जाए..? कहीं ये कैलाश विजयवर्गीय और सिंधिया की मुलाकात की प्रतिक्रिया तो नहीं..?

संजय सक्सेना
मध्यप्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता भंवर सिंह शेखावत ने मंगलवार को आरोप लगाया कि धार जिले का निर्माणाधीन कारम बांध कमलनाथ की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।

शेखावत ने अपने ही दल को फजीहत में डालते हुए यह मांग भी की कि कमलनाथ सरकार के तख्तापलट के वक्त कांग्रेस से भाजपा में आए उन दो नेताओं को मंत्री पद से हटाकर बांध के निर्माण की निष्पक्ष जांच की जाए जिन्हें मौजूदा भाजपा सरकार ने बांध मामले से निपटने के लिए मौके पर तैनात किया था।

शेखावत ने एक बयान में कहा कि 304 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा कारम बांध कमलनाथ सरकार के राज में हुए कथित भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। उन्होंने कहा,‘‘कारम बांध परियोजना का निर्माण कमलनाथ सरकार के समय शुरू हुआ था। उस दौरान भी तुलसीराम सिलावट मंत्री थे, जबकि राजवर्धन सिंह दत्तीगांव कांग्रेस विधायक थे।’’

उल्लेखनीय है कि सिलावट और दत्तीगांव कांग्रेस के उन 22 बागी विधायकों में शामिल थे जिनके विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार 20 मार्च 2020 को गिर गयी था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च 2020 को राज्य की सत्ता में लौट आई थी।

सिलावट मौजूदा भाजपा सरकार में जल संसाधन मंत्री हैं, जबकि दत्तीगांव औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन मंत्री हैं। दोनों मंत्री कारम बांध के क्षतिग्रस्त होने के बाद मौके पर रहकर राहत और बचाव के इंतजाम संभाल रहे थे।शेखावत ने कहा कि सिलावट और दत्तीगांव को मंत्री पद से हटाकर कारम बांध मामले की निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए।

उन्होंने दावा किया कि कारम बांध क्षतिग्रस्त होने के बाद आए सैलाब से 12 गांवों के किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और वे मुआवजे के लिए प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं।

गौरतलब है कि शेखावत भाजपा में लम्बे समय से हाशिये पर चल रहे हैं, लेकिन जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर जा कर कैलाश विजयवर्गीय से मिले, उसके बाद ये बयान आया है। शेखावत विजयवर्गीय के विरोधी माने जाते हैं। पार्टी सूत्रों बताते हैं कि इस बयान के पीछे सीएम शिवराज हैं, क्योंकि पिछले एक सप्ताह से सिंधिया के सीएम बनने की खबरे राजनीतिक गलियारों में चल रही हैं। सिंधिया की कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात को सीएम बदलने के संदर्भ में ही देखा जा रहा है। 



0/Post a Comment/Comments