भोपाल। धार में तीन दिन से सुर्खियों में बने कारम डैम की पाल पर आखिरकार शासन-प्रशासन ने जेसीबी चला दी। 50 घंटे की मशक्कत के बाद भी जब डैम को बचाने की कोशिशें नाकाम नजर आईं, तो इसकी दीवार को तोडऩे का फैसला लिया गया। शनिवार रात 11.30 बजे वॉल तोडक़र बांध से पानी निकालना शुरू किया गया। अभी पानी का बहाव कम है, लेकिन धीरे-धीरे फ्लो बढऩे लगेगा। ये पानी आगे जाकर महेश्वर में नर्मदा में गिरेगा। डैम फूटने के डर से धार जिले के 13 और खरगोन जिले के 6 गांवों के लोग पहाड़ों और राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कल दिन भर और देर रात तक निरंतर मॉनिटरिंग करने और आवश्यक निर्देश देने के बाद पूर्वान्ह 11 बजे वल्लभ भवन स्थित सिचुएशन रूम पहुंचे। उन्होंने जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, प्रमुख अभियंता मदन सिंह डाबर मुख्य अभियंता सीएस घटाले से चर्चा कर जानकारी प्राप्त की। डेम के वर्तमान जल स्तर की जानकारी भी ली और डेम के सुरक्षित स्थिति में आने के पहलुओं का विवरण लिया। मुख्यमंत्री ने अब से कुछ देर पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर चर्चा कर उन्हें निर्माणाधीन डैम से निकाले जा रहे पानी की यथास्थिति की विस्तृत जानकारी दी एवं शासन के प्रयासों से अवगत करवाया।
जल संसाधन विभाग को 8 दिन पहले से पता चल गया था कि डैम का जलस्तर बढऩे लगा है। तकनीकी खामियों का भी अंदाजा लग चुका था, बावजूद सुधार को लेकर अनदेखी की गई। इसके चलते 22 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाने के बाद शनिवार देर रात 44 गांवों के हिस्से के पानी को बहाना पड़ा। मामले में सरकार की नाकामी पर सवाल उठने लगे तो मंत्री से लेकर प्रशासनिक अमले को मौके पर पहुंचकर व्यवस्था संभालना पड़ी। सेना की भी मदद ली गई, लेकिन 50 घंटे गुजरने के बाद भी बांध की मरम्मत नहीं हो सकी।
30 लाख खर्च हुए, नागदा-गुजरी में ट्रैफिक बंद
जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट की निगरानी में बांध का पानी निकालने के लिए कैनाल बनाने का काम शुरू हुआ था। 48 घंटे तक 6 पोकलेन और मशीनरी चलाने के नाम पर 30 लाख रुपए से ज्यादा खर्च कर दिए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। देर शाम डैम की पाल को तोडऩे के लिए मशीनें लगाई गईं। नागदा-गुजरी हाईवे का ट्रैफिक भी शाम 7 बजे बाद बंद कर दिया गया।
संकट टालने के लिए दो सुहागन महिलाओं ने डैम की पूजा की
किसी ने सलाह दी कि दो सुहागन महिलाओं से डैम की पूजा करवाओ तो शायद डैम का लीकेज बंद हो जाए और जनहानि की आशंका भी टल जाए। आज यह उपाय भी किया गया। पीथमपुर की स्ष्ठरू रोशनी पाटीदार और पत्रकार रेणु अग्रवाल ने पूरे विधि विधान से डैम की पूजा की। सुहाग का जोड़ा और सुहाग की सामग्री जिसमें चूड़ी, कुमकुम और अन्य सामग्री थी, डैम में स्ष्ठरू के हाथों अर्पित करवाई गई। जिस समय ये सब पूजा-पाठ चल रहा था जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और विभाग के सभी अधिकारी हाथ जोडक़र खड़े रहे। सभी ने प्रार्थना की कि डैम पर आया संकट टल जाए और कोई हानि न हो!
बांध में पानी का रहना उचित नहीं: चौहान
मुख्यमंत्री ने कंट्रोल रूम से कहा है- कारम बांध की स्थिति को लेकर मैं अपनी पूरी टीम के साथ यहां कंट्रोल रूम में बैठा हूं। बांध स्थल पर हमारे दोनों मंत्री तुलसी सिलावट एवं राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, कमिश्नर, आईजी, सिंचाई विभाग के इएनसी, चीफ इंजीनियर एवं पूरा अमला बांध स्थल पर ही मौजूद है। हम विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं। मेरी माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से बात हुई है। राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण के विवेक त्रिपाठी व केंद्रीय जल आयोग के चीफ इंजीनियर आदित्य शर्मा विशेषज्ञ के रूप में आए हैं और बांध पर ही मौजूद हैं। सभी विशेषज्ञों एवं मध्य प्रदेश के चीफ इंजीनियर एवं आईएनसी का चर्चा के उपरांत यही मत है कि जनता की सुरक्षा को देखते हुए ऐसी स्थिति में बांध में पानी का रहना उचित नहीं है।
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