Editorial
बच्चों में बढ़ते अपराध

अपने देश में अपराध का चेहरा लगातार बदल रहा है। अपराधियों की श्रेणी में बच्चों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि देखने को मिल रही है। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2023 में बच्चों पर अपराध के 1.77 लाख केस दर्ज हुए, जो 2022 में 1.62 लाख थे। यानी एक साल में 9.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, इसमें मध्यप्रदेश टॉप पर है। यह हमारे लिए और अधिक चिंता की बात मानी जा सकती है।
राष्ट्रीय अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार महिलाओं के खिलाफ अपराध 0.7 प्रतिशत व बुजुर्गों पर 2.7 प्रतिशत बढ़े। महिलाओं के खिलाफ अपराध में 4,48,211 केस दर्ज हुए, जिसमें सबसे ज्यादा ‘पति या रिश्तेदार द्वारा क्रूरता’, ‘अपहरण’, ‘बलात्कार’ और ‘छेड़छाड़’ के मामले थे। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में यूपी, महाराष्ट्र, प. बंगाल, राजस्थान और मध्य प्रदेश सबसे आगे हैं। महिलाओं के अपहरण में ‘जबरन शादी’ की प्रवृत्ति बड़ी संख्या में सामने आई, खासकर उत्तर व मध्य भारत में। यह रिपोर्ट एनसीआरबी, गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा तैयार की गई है। इसमें देशभर के थानों से जुटाए पुलिस डेटा का विश्लेषण किया गया।
हत्या के मामलों में कुल संख्या पिछले तीन वर्षों में घट रही है, लेकिन अपराध का मकसद राज्यों के मुताबिक अलग-अलग है। कई राज्यों में व्यक्तिगत रंजिश, संपत्ति विवाद और पारिवारिक कलह से जुड़े अपराध अग्रणी हैं, तो कहीं कमजोर पारिवारिक संबंध और सोशल मीडिया विवाद के प्रभाव भी सामने आ रहे हैं।
2023 में बच्चों के खिलाफ अपराधों की दर 39.9 प्रति एक लाख बाल जनसंख्या रही, जो 2022 में 36.6 थी। इन मामलों में अपहरण 79,884 हैं, जो 45 प्रतिशत हैं और पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध 67,694 दर्ज हुए, जो 38.2 प्रतिशत हैं।
खास बात यह है कि अधिकतर अपराधी पीडि़त के जानपहचान के लोग थे। कुल 40,434 मामलों में 39,076 मामलों में आरोपी जानकार थे। 3,224 में परिवार के सदस्य, 15,146 में परिवार के दोस्त/पड़ोसी/नियोक्ता आदि और 20,706 में दोस्त आदि थे। मप्र (22,393), महाराष्ट्र (22,390) और यूपी (18,852) में सर्वाधिक केस दर्ज हुए। असम में दर सबसे अधिक (84.2) रही। 2023 में खेती से जुड़े 10,700 से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें से 38.5 प्रतिशत महाराष्ट्र और 22.5 प्रतिशत कर्नाटक से थे। कुल आत्महत्याओं (1,71,418) में 66.2 प्रतिशत पीडि़तों की वार्षिक आय एक लाख से कम थी।
खेती क्षेत्र में 4,690 किसान/खेती करने वाले और 6,096 कृषि मजदूरों ने आत्महत्या की, यह देश में कुल आत्महत्याओं का 6.3 प्रतिशत है।
खेती में सबसे अधिक आत्महत्याएं महाराष्ट्र (38.5 प्रतिशत), कर्नाटक (22.5 प्रतिशत), आंध्रप्रदेश (8.6 प्रतिशत), मध्यप्रदेश (7.2 प्रतिशत) में दर्ज की गईं। मेट्रो शहरों में ऑनलाइन धोखे के मामलों में मुंबई पहले नंबर पर है। 19 मेट्रो शहरों में ऑनलाइन चीटिंग में पहले स्थान पर रही। ऐसे 2,396 मामले दर्ज हुए और ऑनलाइन दस्तावेज फर्जीवाड़े के 45 केस आए। 6महिलाओं व बच्चों के साथ साइबर स्टॉकिंग/बुलिंग में मुंबई दूसरे (119) नंबर पर रही, जबकि हैदराबाद इस मामले में पहले (163) पर रहा।
एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार हर दिन औसतन 486 और हर तीन मिनट में एक अपराध बच्चों के खिलाफ दर्ज हुआ। ये देश में बच्चों में बढ़ती अपराधिक प्रवृत्ति को दर्शाता है, जो बहुत ही चिंता की बात है। समाज में जिस तरह से अपराधों की प्रवृत्ति बदल रही है, उस पर गौर करना भी आवश्यक है।  हम नई पीढ़ी को देश का भविष्य कहते हैं, लेकिन यहां यह देश का भविष्य अपराधों की ओर बढ़ रहा है। यह केवल चिंता का विषय नहीं है, विचार करने का है और बच्चों में इस प्रवृत्ति को रोकना भी आवश्यक है। लेकिन यह आसान नहीं होगा।
वैसे अपराधों की प्रवृत्ति तो और भी क्षेत्रों में बदली है। हत्याओं के आंकड़े कम बताए जा रहे हैं, लेकिन इनके पीछे जो कारण हैं, वो समाज के लिए चिंताजनक कहे जा सकते हैं। सामाजिक रिश्तों में बदलाव और बिखराव का दौर किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं कहा जा सकता। और हो सकता है कि बच्चों में बढ़ती अराजकता के पीछे यह भी एक बड़ा कारण हो। हमें कारणों के मूल में जाना होगा और उन्हें दूर भी करना होगा, नहीं तो हम एक अराजक समाज का निर्माण करने से बहुत दूर नहीं हैं।
– संजय सक्सेना

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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