MP: आदिवासियों की पीड़ा सुनने दो किमी पथरीले रास्ते से नदी पार कर गांव पहुंची कलेक्टर नेहा मारव्या

डिंडोरी। जिले की कलेक्टर नेहा मारव्या सिंह ने बुधवार को एक ऐसा कार्य किया, जिसने ग्रामीणों का दिल जीत लिया। जिले के सुदूर वनग्राम टांडाटोला में रह रहे आदिवासियों की समस्याएं सुनने के लिए कलेक्टर खुद दो किलोमीटर का पथरीला और नदी का रास्ता पैदल तय कर गांव पहुंचीं। इस दौरान पूरा प्रशासनिक अमला भी उनके साथ पैदल चला। गांव में पहली बार किसी कलेक्टर को देखकर ग्रामीण हैरान और खुश हो गए। कलेक्टर ने गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए।
कलेक्टर को ग्रामीणों ने गांव में सड़क और नदी पर पुल का निर्माण कराने की मांग की। साथ ही स्कूल खुलवाने और वन अधिकार के पट्टे जल्द दिलाने को कहा। कलेक्टर ने समस्याओं पर तत्परता से प्रतिक्रिया दी और सभी काम प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए। इस पहले से सरकार के प्रति ग्रामीणों में भरोसा बढ़ा हैं।
कौन हैं कलेक्टर नेहा मारव्या सिंह?
2011 बैच की IAS अधिकारी नेहा मारव्या सिंह का प्रशासनिक सफर जितना बेबाक है, उतना ही संघर्षपूर्ण भी रहा है। वे खुद को ईमानदार और स्पष्टवक्ता अफसर मानती हैं, जो कभी किसी दबाव में काम नहीं करतीं। इस वजह से वे कई बार विवादों में भी रही हैं।
कलेक्टर से लेकर सीएस के करीबी तक से हुआ टकराव
शिवपुरी जिला पंचायत की CEO रहते हुए, नियम से अधिक भुगतान वाले वाहन किराए का बिल रोक दिया। इस मामले में उनका कलेक्टर तक से टकराव हुआ। राज्य रोजगार गारंटी परिषद में रहते हुए तत्कालीन मुख्य सचिव के करीबी माने जाने वाले रिटायर्ड अफसर ललित बेलवाल के खिलाफ जांच शुरू की और एफआईआर की सिफारिश कर दी।






