कटनी। कटनी जिले से हटाए गए पुलिस कप्तान (आईपीएस) अधिकारी अभिजीत रंजन की मुश्किलें बढ़ सकती है, और यह इसलिए कि बीते दिनों हुए एक चर्चित मामले में मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने उनके खिलाफ विभागीय जांच का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। अविजीत रंजन 2014 बैच के (आईपीएस) अफसर हैं।
कटनी में बतौर एसपी रहते हुए उन पर गंभीर आरोप लगे थे। इसके चलते सरकार ने उन्हें करीब दो ढाई महीने पहले यहां से हटाकर भोपाल पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) में एआईजी के पद पर अटैच कर दिया था।
यह पूरा विवाद तब शुरु हुआ, जब कटनी की तत्कालीन सीएसपी ख्याति मिश्रा के तहसीलदार पति शैलेंद्र बिहारी शर्मा ने आरोप लगाया कि पुलिस कर्मियों ने उनके घर पर धावा बोलकर उनके परिवार के लोगों से मारपीट की।
तत्कालीन सीएसपी ख्याति मिश्रा के तहसीलदार पति
शैलेंद्र बिहारी शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके घर की महिलाओं और आठ साल के बेटे को भी धाने ले जाकर पीटा। यह कार्रवाई कथित तौर पर एसपी अविजीत रंजन के निर्देश पर हुई थी। हालांकि, घटना के बाद अविजीत रंजन ने इन सभी आरोपों को खारिज किया था।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले में खुद रूचि दिखाई। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कटनी एसपी को हटाने की जानकारी दी थी। इसके बाद अब पुलिस मुख्यालय ने पूरे मामले की जांच के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। अगर जांच में अविजीत रंजन दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई तय है।
राजनीतिक तूल पकड़ा
इस पूरे मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीडीयो शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कटनी एसपी को हटाने के फैसले का समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि लोकसेवा आदर्श आचरण का उल्लंघन निंदनीय है। वहीं कांग्रेस नेता अभय तिवारी ने भी सवाल उठाया कि क्या सिर्फ इतनी सजा है?