Fraud : पंजीयन विभाग के अफसरों और बिल्डर्स ने शासन को लगाया 13 करोड़ से ज्यादा का चूना, EOW ने दर्ज किया मामला

इन्दौर। मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी इस कदर हावी है कि सरकारी अफसर बे हिचक घूस लेने या फिर सरकार को राजस्व हानि पहुंचाने में थोडा भी नहीं हिचक रहे। एक ऐसा ही मामला इंदौर से सामने आया है जहाँ पंजीयन विभाग के अफसरों ने बिल्डर्स के साथ मिलकर शासन को ही करोड़ों रुपये का चूना लगा दिया, ईओडब्ल्यू ने इन पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इंदौर EOW ने 13,32,95,000/- (13 करोड़ 32 लाख 95 हजार) की स्टाम्प ड्यूटी चोरी कर राज्य शासन को राजस्व हानि पहुँचाने वाले तीन बिल्डर और पंजीयन विभाग के दो अधिकारियों पर अपराध दर्ज किया है, इस मामले की शिकायत की जाँच डीएसपी ने की जिसके बाद एफआईआर दर्ज की है।
एक्सक्लूसिव रियल्टी के विवेक चुघ, सेवनहार्ट्स बिल्डकॉन एलएलपी के हितेन्द्र मेहता और अजय कुमार जैन ने पंजीयन विभाग के अधिकारी उप पंजीयक, पंजीयक कार्यालय इंदौर संजय सिंह और वरिष्ठ जिला पंजीयक, पंजीयक कार्यालय इंदौर अमरेश नायडू के साथ मिलकर 13 करोड़ 32 लाख 95 हजार रुपए की स्टाम्प चोरी कर शासन को राजस्व की हानि पहुंचाई।
गाइड लाइन में हेरफेर कर शासन को लगाया करोड़ों का चूना
जाँच में सामने आया कि तीनों बिल्डर्स ने उप पंजीयक संजय सिंह और वरिष्ठ जिला पंजीयक अमरेश नायडू से सांठ-गांठ कर डीएलएफ गार्डन सिटी मांगल्या सड़क की गाइड लाइन दर 50800/- रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से रजिस्ट्री नहीं कराई बल्कि डीएलएफ गार्डनसिटी के स्वीकृत संशोधित नक्शे में काट-छांट कर अंश भाग ही अपलोड किया और डीएलएफ गार्डन सिटी का नाम हटाकर मांगलिया सड़क गाँव की गाइड लाइन दर राशि 14,200/- रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से रजिस्ट्रियों कराई।
EOW ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया
ऐसा करने से बिल्डर्स ने 13,32,95,000 /- रुपये का अवैध लाभ लिया और शासन के खजाने में जाने वाली इस राशि को आपस में मिलकर डकार गए, इंदौर ईओडब्ल्यू के डीएसपी पवन सिंघल ने जब मामले की जाँच की तो शिकायत सही पाई गई जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने पांचों आरोपियों के विरुद्ध धारा 318(4), 61(2), 338, 336(3), एवं 340 भारतीय न्याय संहिता 2023 व धारा 7 (सी), भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है।





